दमोह। नवीन शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है. पथरिया ब्लॉक के एक स्कूल के बच्चे पगडंडियों से स्कूल जाने को मजहूर हैं. बारिश के दिनों में इन पगडंडियों से आवाजाही करने में बहुत परेशानियों को सामना करना पड़ता है. ऐसे में जब बारिश का दौर शुरू हो गया है, तो पहली ही बारिश में पगडंडियां दलदल में तब्दील हो गई हैं. छात्रों को कीचड़ से गुजर कर स्कूल जाना पड़ रहा है.
स्कूल पहुंचने के लिए रास्ता ही नहीं
प्रदेश सरकार भले ही शैक्षणिक गुणवत्ता और हर गांव में स्कूल खोलने के लाख दावा करे, लेकिन इन दावों की पोल पथरिया ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम सूखा का शासकीय स्कूल खोल रहा है. शासकीय शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है, लेकिन स्कूल तक पहुंचने के लिए बच्चे दलदल नुमा पगडंडी से स्कूल जाने को मजबूर हैं.
बारिश के दिनों में होती है ज्यादा परेशानी
दरअसल, ग्राम सूखा में स्कूल तो बना दिया गया है, लेकिन बच्चों को वहां तक पहुंचने के लिए कच्चे रास्ते से जाना पड़ता है. स्कूल में करीब 5 गांव के बच्चे आते हैं. बारिश के मौसम में बच्चे जान जोखिम में डालकर पुलिया को पार करते हैं. यहां छात्रों के लिए ना तो पीने के पानी की सुविधा है और ना ही खेल ग्राउंड और बाउंड्रीवॉल है.
खेत में बना दिया हाईस्कूल
बता दें कि यह स्कूल गांव के बाहर करीब 1 किलोमीटर दूर खेत में बना हुआ है. सीमांकन ना होने से बाउंड्रीवॉल और खेल ग्राउंड तक नहीं बन सका है. यहां पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं है. बच्चे पगडंडियों के रास्ते स्कूल पहुंतचे हैं. बरसात के दिनों में बच्चे कीचड़ में गिरते पड़ते स्कूल पहुंचते हैं. प्रशासन द्वारा पहुंच मार्ग नहीं बनवाया गया है.