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मां की मौत के बाद पिता का भी उठ गया था साया, चार अनाथ बच्चों की जिंदगी संवारने में जुटा डालसा - DHANBAD DALSA

धनबाद में डालसा ने चार अनाथ बच्चों को जिम्मेदारी ली है. साथ ही राज्य सरकार के स्पॉन्सरशिप योजना का भी लाभ दिया गया.

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अनाथ बच्चों से बात करते डालसा सचिव व अन्य पदाधिकारी (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 8, 2024, 5:22 PM IST

धनबाद:झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) के निर्देश पर गठित लीगल सर्विस यूनिट फार चिल्ड्रेन टीम ने राजगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले चार बच्चों का रेस्क्यू कर उन्हें नया जीवन दिया है.

जिला बाल संरक्षण ईकाई के सहयोग से चुंगी राजगंज के रहने वाले चार अनाथ बच्चों को राज्य सरकार के स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ दिया गया है. जिसके तहत कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में दाखिला करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई.

जानकारी देते डालसा सचिव (ETV BHARAT)

अवर न्यायाधीश राकेश रोशन ने बताया कि टीम को सूचना मिली कि राजगंज थाना क्षेत्र के चुंगी गांव में चार बच्चे ऐसे हैं, जिनकी मां की मृत्यु पांच माह पहले कैंसर से हो गई थी. कुछ दिन उनके पिता की भी मौत हो गई. इसके बाद से सभी बच्चे गांव में इधर-उधर घूम रहे हैं. इस सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) सचिव को टीम गठित करने का निर्देश दिया.

सचिव ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश पीयूष कुमार के नेतृत्व में टीम गठित किया और डीसीपीओ साधना कुमारी, एलएडीसीएस डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट, सहायक राजेश सिंह, पीएलवी दीपक कुमार, दिनेश कुमार, काजल कुमारी, रिचा प्रसाद ने राजगंज जाकर चारों बच्चों का रेस्क्यू किया. बच्चों को बाल संरक्षण इकाई के द्वारा पढ़ने के लिए स्कूल बैग किट, डालसा के अध्यक्ष सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी के द्वारा कंबल व भोजन की व्यवस्था की गई.

इस मौके पर ही प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के निर्देश पर चारों बच्चों को जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा सरकार के स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ा गया और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में नामांकन की प्रक्रिया शुरू की गई. इस मामले में डीसीपीओ साधना कुमारी ने बताया कि बहुत जल्द ही चारों बच्चों को कस्तूरबा गांधी विद्यालय में दाखिला करा दिया जाएगा. फिलहाल बच्चों को उनकी बुआ के पास रखा गया है ताकि उसकी देखभाल सही ढंग से हो सके.

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