गयाःबिहार के गया में साइबर ठगी कॉल सेंटर का खुलासा हुआ. पुलिस ने इस मामले में कॉल सेंटर में काम कर रहे 36 युवक-युवतियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक इस कॉल सेंटर से लोगों से सरकारी योजना का लाभ देने के नाम पर ठगी की जा रही थी. बिहार ही नहीं पूरे देश के अलग-अलग राज्यों से शिकायत मिलने के बाद गया पुलिस ने यह कार्रवाई की.
तीन साल से चल रहा था धंधाः साइबर पुलिस ने यह कार्रवाई शहर के रामपुर थाना अंतर्गत मिर्जा गालिब कॉलेज के पास की. पिनोल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कार्यालय में छापेमारी की तो फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा हुआ. पिछले तीन साल से इस कॉल सेंटर के माध्यम से लोगों को चूना लगाया जा रहा था. एक करोड़ रुपए से अधिक की ठगी का खुलासा हुआ है. हालांकि पुलिस अभी तक इसकी पुष्टि नहीं कर पायी है कि कितने की ठगी हुई है. इसकी जांच चल रही है.
"सस्ते लोन दिलाने के नाम पर साइबर फ्रॉड किया जा रहा था. विभिन्न राज्यों के कई लोगों से लाखों रुपए की ठगी हुई है. 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसका संचालक भी गिरफ्तार हुआ है. कुछ लोगों से एक लाख तो कुछ से 50 हजार तो किसी से 2 लाख की ठगी की गई. कुल कितनी की ठगी की गई है, इसकी लिस्ट तैयार की जा रही है."-साक्षी राय, डीएसपी सह थानाध्यक्ष, साइबर थाना.
17 युवती भी गिरफ्तारः इस फर्जी कॉल सेंटर का संचालन कोतवाली के तेलबिगहा निवासी निशांत कुमार और नवादा जिले के मोहित कुमार कर रहा था. इस दोनों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 36 लोगों में गिरफ्तार 17 युवतियां है. जैसे ही इस कार्रवाई की जानकारी मिली, लड़कियों के परिजन निर्दोष बताकर हंगामा करने लगे. इसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए लोगों को शांत कराया.
साइबर ठगी का भंडाफोड़ (ETV Bharat) 37 कंप्लेन के बाद पुलिस जागीः पुलिस के मुताबिक इस मामले में देश के अलग अलग राज्यों से 37 कंप्लेन आयी थी. इतने सारे कंप्लेन आने के बाद पुलिस ने टीम बनाकर जांच पड़ताल की. जांच में खुलासा हुआ कि गया शहर में ही इस तरह का काम चल रहा था. पुलिस ने छापेमारी करते हुए कॉल सेंटर से 33 मोबाइल, तीन लैपटॉप और अन्य कागजात की बरामदगी की. आरोपियों को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गयी. सभी से पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में बड़ा खुलासा होने की संभावना है.
कैसे करता था ठगी?:गया से ही देश के अलग-अलग हिस्से में रहने वाले लोगों से ठगी किया जाता था. पिछले तीन से साल से यह काम चल रहा था. बताया जाता है कि काॅल सेंटर में काम करने वाले युवक-युवतियों के द्वारा कॉल कर लोगों से संपर्क साधा जाता था. लोन और सरकारी योजना के नाम पर ठगी होती थी. एटीएम पिन, मोबाइल नंबर पर मैसेज भेज सहित कई तरीके से ठगी किया जाता था.
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