देहरादून: उत्तराखंड में हेली सेवाओं के विस्तार पर जोर दिया जा रहा है. जिसके तहत प्रदेश में इसी साल बनकर तैयार हुई हेलीपोर्ट के माध्यम से प्रदेश के तमाम शहरों में हेली सेवाओ का संचालन शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही देहरादून एयरपोर्ट और पंतनगर एयरपोर्ट को अपग्रेड की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने जा रही है. इससे पहले ही देहरादून एयरपोर्ट में कस्टम एंड इमिग्रेशन ऑफिस खोलने को मंजूरी मिल गई है. लिहाजा कस्टम एंड इमिग्रेशन ऑफिस खोलने के बाद ही अन्य देशों के चुनिंदा शहरों के लिए इंटरनेशनल हेली सेवाएं शुरू हो जाएंगी.
भारत सरकार की उड़ान योजना शुरू होने के बाद उत्तराखंड में 13 हेलीपोर्ट बनाने को मंजूरी मिली थी. जिसमें 7 हेलीपोर्ट बनकर तैयार हो गए हैं. ये हेलीपोर्ट अल्मोड़ा, हल्द्वानी, सहस्त्रधारा, चिन्यालीसौड़, न्यू टिहरी, गौचर, और श्रीनगर में बनकर तैयार हुआ है. इन हेलीपोर्ट के जरिए तमाम क्षेत्रों में हेली सेवाओं का विस्तार किया जा सकता है. हेलीपोर्ट में हेलीपैड से काफी अधिक सुविधाएं होती है. जिसके तहत हेलीपोर्ट में वेटिंग एरिया, टिकट काउंटर समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध होती हैं.
इसके साथ ही हेली सेवाओं के विस्तार को लेकर राज्य सरकार ने उत्तराखंड एयर कनेक्टिविटी स्कीम को लांच किया है. इस योजना के तहत राज्य के भीतर और राज्य के बाहर अन्य शहरों अयोध्या, अमृतसर, वाराणसी और पिथौरागढ़ से दिल्ली की जोड़ने पर जोर दिया गया है. ऐसे में ये सेवाएं शुरू करने के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है. मुख्य रूप से प्रदेश में हेली कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए हेलीपैड, हेलीपोर्ट और एयरपोर्ट को विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है.
उकाडा के सीईओ सी रविशंकर ने बताया वर्तमान समय में 83 हेलीपैड और 7 हेलीपोर्ट मौजूद हैं. इसके अलावा पिथौरागढ़ एयरपोर्ट में पहले 20 सीटर हवाई जहाज उतर सकती थी, लेकिन, सुविधाओं को बेहतर करने के बाद अब 48 सीटर तक हवाई जहाज उतारने का लाइसेंस भी मिल गया है. ऐसे में हेली सेवाओं के लिए बीजीएफ (वायबिलिटी गैप फंडिंग) योजना के तहत लोगों को अट्रैक्ट किया जा रहा है. इसके अलावा प्राइवेट हेलीपैड और हेलीपोर्ट पॉलिसी बनाई गई है. जिसके जरिए हेली सेवाओ के ढांचा को बेहतर किया जाएगा.