उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

कम खर्चे में खेती करने की है चाहत तो औषधीय पौधे बन सकते हैं बेहतर ऑप्शन, जानिए कैसे - औषधीय पौधों की खेती

औषधीय पौधे किसानों के लिए बेहद लाभदायक साबित हो (medicinal plants) सकते हैं. इसको लेकर औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान केंद्र, आनंद (गुजरात) के वैज्ञानिक ने औषधीय पौधों की खेती करने की सलाह दी है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 16, 2024, 10:32 AM IST

औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक से खास बातचीत

वाराणसी :औषधीय पौधे किसानों के लिए बेहद लाभदायक साबित हो सकते हैं. खासकर उन स्थानों पर जहां की भूमि बंजर या फिर कम उपजाऊ होती है. अक्सर कम बंजर भूमि किसानों के लिए आफत बनती है, लेकिन अब इस आफत को दूर करने का काम औषधीय पौधे कर सकते हैं, जो उनके लिए बेहतर मुनाफा देने का एक जरिया बन सकते हैं. बड़ी बात यह है कि इसमें खेती की लागत बहुत कम होती है. दवा का छिड़काव आदि नहीं करना पड़ता है और बचत भी काफी अच्छी मात्रा में होती है. इन सभी बातों को लेकर औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान केंद्र, आनंद (गुजरात) के वैज्ञानिक औषधीय पौधों की खेती करने की सलाह देते हैं.

औषधीय पौधों की खेती

आमदनी बढ़ाने के लिए मददगार होते हैं औषधीय पौधे :औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान केंद्र, आनंद, गुजरात के वैज्ञानिक डॉ. अश्विन त्रिवेदी का कहना है कि, हम लोग औषधीय पौधों की और सगंधीय पौधों की खेती को प्रमोट कर रहे हैं. हमारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का संशोधन केंद्र है. हम ज्यादातर किसान भाइयों के लिए औषधीय पौधों की खेती कैसे करें, कब करें और कौन से सीजन में खेती होती है, कहां-कहां होती है, उसके हिसाब से मार्गदर्शन करते हैं. आमदनी बढ़ाने के लिए यह औषधीय पौधे मददगार होते हैं. क्योंकि औषधीय पौधे सामान्य तौर पर जंगलों में पाए जाते हैं. हमारे जंगल सारे नष्ट हो चुके हैं. ऐसे में जंगल में उगने वाले पौधों की खेती कैसे करें इसको लेकर किसान भाइयों को गाइडेंस दे रहे हैं.

औषधीय पौधे की खेती बन सकती है बेहतर ऑप्शन

अधिक पानी वाले एरिया में करें ब्राह्मी की खेती :डॉ. अश्विन त्रिवेदी ने बताया कि, औषधि पाक के लिए अच्छी भूमि की जरूरत नहीं होती है. जहां पर कम पानी है और उस भूमि पर कुछ उत्पादन नहीं हो रहा है तो वहां पर भी इसकी खेती की जा सकती है. कुछ औषधीय पौधे ऐसे हैं वहां पर ज्यादा पानी भरा हुआ है वहां पर भी उनका उत्पादन हो रहा है, जैसे ब्राह्मी है. ब्राह्मी को ज्यादा पानी चाहिए होता है. जहां लो लाइन एरिया है, जहां पानी भरा रहता है वहां आप ब्राह्मी की खेती कर सकते हैं. वहीं जहां पर कम पानी है वहां पर अश्वगंधा, ईसबगोल की खेती कर सकते हैं. किसान भाइयों के पास अगर जमीन या जगह नहीं है तो उनकी बाड़ वगैरह में सतावरी, जीवंती, मधुनासिनी आदि के पौधे लगाकर खेती का काम कर सकते हैं.

ग्राफिक्स के लिए
- औषधीय पौधों की खेती करके किसान भाई अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं.
- औषधीय पौधे कम और अधिक पानी वाले एरिया में उगाए जा सकते हैं.
- कम पानी वाली जगहों पर अश्वगंधा, चंद्रचूर्ण और सेना की खेती कर सकते हैं.
- अधिक पानी वाली जगहों पर ब्राह्मी की खेती कर किसान मुनाफा कमा सकते हैं.
- 10 से 15 हजार की लागत लगाकर 30 से 35 हजार का मुनाफा कमा सकते हैं.

कम पानी वाली जगहों पर इन पौधों का उत्पादन :उन्होंने बताया कि जहां पर पानी भरा हुआ रहता है, जहां तराई इलाका है, उसमें ब्राह्मी की खेती तो कर ही सकते हैं. यह दो तरीके की होती है, एक मंडूकपर्णी और एक नीर ब्राह्मी होती है. इसकी खेती पानी भरे हुए एरिया में कर सकते हैं. जहां पर कुछ उत्पादन नहीं हो रहा है वहां पर आप अश्वगंधा, चंद्रचूर्ण और सेना इन तीन चीजों की खेती कर सकते हैं. ये कम पानी वाले पौधे माने जाते हैं. अगर इनकी लागत की बात करें तो ये सारे औषधीय पौधे हैं. ये सभी दवाइयों के प्रयोग में आते हैं. इसलिए जो केमिकल आता है, उसके छिड़काव की जरूरत इन पर नहीं पड़ती है. इनमें अधिक कीड़े वगैरह नहीं आते हैं. ऐसे में रसायन पर लगने वाले दाम की बचत होती है.

30 से 35 हजार कमा सकते हैं मुनाफा :डॉ. अश्विन त्रिवेदी ने कहा कि मुश्किल से 10 से 15 हजार रुपये में एक एकड़ की खेती कर सकते हैं और 30 से 35 हजार रुपये मुनाफा आराम से ले सकते हैं. औषधीय पाक की खेती के लिए अगर किसान भाइयों को जानकारी चाहिए तो वे हमारे संस्थान में आकर मुलाकात कर सकते हैं. संस्थान का नाम है औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान केंद्र. यह गुजरात में स्थित है. अगर किसान भाई फोन करके बात करना चाहते हैं तो उसके लिए 2692271602 पर कभी भी फोन कर सकते हैं. इसके साथ ही हमारे ईमेल पर भी जानकारी मांग सकते हैं. हम इसके लिए तुंरत जवाब देते हैं. साथ ही क्लाइमेट के हिसाब से हम सलाह भी देते हैं कि कौन से औषधीय पौधे लगाए जाएं.

यह भी पढ़ें : हर कोई है फुलवा आलू के स्वाद का मुरीद, 500 सालों से की जा रही है खेती, जानिए क्या है खासियत

यह भी पढ़ें : खेती संग बीज प्लांट लगाकर शुरू किया उत्पादन, गांव-गांव किसानों को लखपति बना रहे ये पद्मश्री

ABOUT THE AUTHOR

...view details