कोरबा:पुलिस कस्टडी में आदतन बदमाश सूरज हथठेल की मौत का मामला और भी तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले की न्यायिक जांच कर रहे न्यायिक जांच अधिकारी राहुल शर्मा सीनियर जेएमएफसी, न्यायालय कटघोरा दर्री थाना पहुंच गए. जहां उन्होंने इस मामले से संबंधित दस्तावेज और अन्य पहलुओं की जांच की. ऐसी सूचना है कि उन्हें थाने से संतोषजनक जवाब नहीं मिला. सीसीटीवी फुटेज तक नहीं दिखाया गया. जिस पर वह नाराज भी हुए और घटना से जुड़े सभी साक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा. वह सूरज की गिरफ्तारी वाले घटनास्थल के साथ ही सिविल लाइन थाना भी पहुंचे.
इन बिंदुओं पर जांच :पुलिस हिरासत में मौत के बाद मानव अधिकार आयोग के मापदंडों के तहत न्यायिक जांच कराए जाने का नियम बना हुआ है. कोरबा में हुए सनसनीखेज मामले के भी न्यायिक जांच अब शुरू हो चुकी है. न्यायिक जांच अधिकारी थाने के साथ ही जहां से सूरज को गिरफ्तार किया गया था. उस घटनास्थल सहित सिविल लाइन थाना भी पहुंचे थे. इस मामले की गंभीरता से पूछताछ भी की. जिनके तेवर देखकर मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों के होश उड़े हुए थे.
जांच में इस तरह के बिंदुओं पर खास फोकस है.
- सूरज को कहां से पकड़ा गया?
- गिरफ्तारी के समय क्या सूरज और पुलिसकर्मियों के बीच चोर पुलिस जैसी भाग दौड़ हुई थी?
- गिरफ्तारी के समय सूरज की हालत कैसी थी?
- रात भर उसे कौन से स्थान पर रखा गया?
- सूरज के साथ आधी रात ऐसा क्या हुआ, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ी?
- मामला सिविल लाइन थाना का था, लेकिन उसे दर्री थाना में रखा गया था, इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
- सुबह जब उसकी मौत हुई, तब उसे किन परिस्थितियों में अस्पताल ले जाया गया, क्या इसमें देरी भी हुई?
नहीं मिला सीसीटीवी फुटेज :न्यायिक जांच अधिकारी जब दर्री थाना पहुंचे. तब उन्होंने सबसे पहले सीसीटीवी फुटेज दिखाने की बात कही. लेकिन उन्हें जवाब दिया गया कि कैमरा खराब है. सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं है. इसके बाद उन्होंने रोजनामचा की जांच की, जानकारी है कि वहां भी सूरज को हिरासत में लिए जाने के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली. संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने थाना स्टाफ के प्रति गहरी नाराजगी जताई.
इससे पहले रविवार को सूरज के परिजनों ने उसका शव लेने से इनकार कर दिया था. सूरज की पुलिसकर्मियों के द्वारा हत्या और जानवरों की तरह चार पहिया वाहन में भरकर अस्पताल ले जाने का आरोप लगाया था. परिजन भी दर्री थाना और अस्पताल का सीसीटीवी दिखाने की मांग कर रहे थे. जिस पर कोरबा के एडिशनल एसपी यूबीएस चौहान ने हाथ जोड़कर उन्हें मनाया. अस्पताल का सीसीटीवी फुटेज तो परिवार को दिखाया गया, लेकिन यहां भी दर्री थाना का सीसीटीवी फुटेज नहीं दिखाया गया.ऐसे में सवाल यह भी है कि क्या थाने में सीसीटीवी महज औपचारिकता के लिए ही इंस्टॉल किया जाता है. जरूरत पड़ने पर इसके फुटेज कभी भी सामने नहीं आते.