लखनऊः आप सोच रहे होंगे कि ऊपर जो शीर्षक दिया हुआ है आखिर वह क्या मामला है. लखनऊ पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है. उस खुलासे में ये दो शब्द सामने आए हैं. पुलिस ने जो जानकारी दी है वो वाकई चौंकाने वाली है. चलिए आगे बताते हैं पूरी खबर के बारे में.
दरअसल, बार, पबों और रिहायशी होटल में होने वाली पार्टी में युवक युवतियों और छात्र-छात्राओं को अलग-अलग कोड वर्ड में ड्रग्स सप्लाई करने वाले तीन आरोपियों को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से 40 लाख रुपए कीमत की एमडीएमए बरामद किया गया है.
एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि कुछ गिरोह राजधानी समेत कई जिलों के होटल, पबों और क्लब में आने वाले छात्र-छात्राएं, लड़के लड़कियों को ड्रग्स सप्लाई कर रहे हैं. ड्रग्स की डिमांड कोड वर्ड में की जाती है. ऐसे में इन कोड वर्ड्स को क्रैक किया गया और इनके स्प्लायर पर नजर रखी गई. इसके बाद गुरुवार को राजधानी के गोमती नगर स्थित दयाल पैराडाइज होटल के पास से लखनऊ के एहसान अफजल खान, दीपक गुप्ता, कारण महता को चालीस लाख रुपयों की चरस और एमडीएमए के साथ गिरफ्तार किया गया.
सबसे अधिक डिमांड में है चमेली और शानदार
अधिकारियों के मुताबिक, पब व क्लबों में होने वाली पार्टी में ड्रग्स की डिमांड बढ़ी है. जांच एजेंसियों को इसकी जानकारी न हो इसके लिए डिमांड एंड सप्लाई के लिए कोड वर्ड का इस्तमाल किया जाता है. इसमें सबसे अधिक चमेली और शानदार कोड वर्ड का सबसे अधिक इस्तमाल होता है. चमेली आइस ड्रग व शानदार एमडीएमए के लिए प्रयोग होता है. चमेली ठंडक देती है और ऐसे में इसका इस्तमाल मौजूदा समय सबसे अधिक डिमांड वाले आइस ड्रग के लिए हो रहा है. यह हेरोइन से भी खतरनाक ड्रग है. हेरोइन नर्व सिस्टम को डाउन करता है, जबकि आइस ड्रग उसे उत्तेजित कर देता है जबकि एमडीएमए युवाओं के दिमाग को सुन्न कर देता है, जिससे युवा इसे शानदार के नाम से बुलाते है. रेव पार्टी, डिस्कोथेक और बड़े-बड़े होटलों में इसकी सबसे अधिक डिमांड रहती है. ऐसे में एसटीएफ इन्ही कोड वर्ड के जरिए सप्लाइयर तक पहुंचते है.
ड्रग के कुछ कोड वर्ड
- स्पेशल-K कैटरीना
- ट्रामेफ-पी दोस्त
- एलएसडी डायनासोर
- क्रिस्टल मेथ बर्फ
- पॉपर्स पापड़ी
- एन बॉम्ब नोरा
- कोकीन जानवर
- एमडीएमए शानदार
कोड वर्ड को क्रैक कर सप्लायर का लगा पता
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि नेपाल, पश्चिमी बंगाल या फिर किसी अन्य राज्यों से तस्करी होने वाले ड्रग्स को सर्विलांस की सहायता से ट्रेस किया जाता है लेकिन इन पार्टियों में बिकने वाले ड्रग्स की सप्लाई के लिए हमारी टीम को सबसे अधिक समय इंटरनेट पर बिताना पड़ता है. इसके पीछे का कारण है कि, सोशल मीडिया में ही कोड वर्ड में ड्रग्स की डिमांड आती है. हमारी टीम कई बार ऐसे शब्दों को अनदेखा कर देते है जो ड्रग के लिए इस्तमाल होते है, लेकिन कई गिरफ्तारियों के बाद से हमने ऐसे ही कोड वर्ड पर काम करना शुरू कर दिया था. जैसे ही इंटरनेट पर इन शब्दों का इस्तमाल अधिक होता है और फिर जांच करने पर पार्टी या फिर कुछ अन्य ऐसा दर्शाता है कि वर्ड का इस्तमाल करने वर्ड किसी पार्टी से संबंधित है तो हम उसे ट्रेस करते है. इसी का नतीजा है कि हमने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
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