पलामू:कोई घटना किसी व्यक्ति पर इतनी गहरी छाप छोड़ जाती है कि उसका जीवन ही बदल जाता है. कुछ इसी तरह की कहानी है पलामू के बैजनाथ सिंह की. एक मिशन मैन बनकर वो लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं. बैजनाथ सिंह 2023 से अब तक 15 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं.
बैजनाथ सिंह पलामू के मेदिनीनगर टाउन थाना क्षेत्र के हमीदगंज के रहने वाले हैं. उनका बोरिंग का कारोबार है. बैजनाथ सिंह को एक जमाने में बहादुरी के लिए पुरस्कार भी मिल चुका है. बैजनाथ सिंह निजी खर्चे पर लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते हैं. प्रशासनिक तौर पर उन्हें कागजी सहायता दी जाती है ताकि वे शव का अंतिम संस्कार कर सके.
आपबीती बताते हुए बैजनाथ सिंह (ईटीवी भारत) बेटे का इलाज करवाने जा रहे बैजनाथ, सड़क पर लावारिस व्यक्ति देख बदला जीवन मार्च 2023 में बैजनाथ सिंह अपने बेटे को इलाज के लिए डॉक्टर के पास जा रहे थे. इसी क्रम में अस्पताल चौक के पास उनके बेटे ने एक व्यक्ति को लावारिस हालत में तड़पते हुए देखा था. बेटे ने लावारिस व्यक्ति की तरफ ध्यान आकर्षण करवाया इसके बाद वह वहां रुके. बाद में उस व्यक्ति को उन्होंने खाने के लिए दिया था, लेकिन वह खाने में असमर्थ था. उसके बाद लावारिस व्यक्ति को पानी पिलाई और कुछ ही देर बाद व्यक्ति की मौत हो गई.
लावारिस शवों के अंतिम संस्कार को बनाया मिशन, उठाते हैं खर्च
इस पूरे मामले की जानकारी स्थानीय थाना को दी और कहा कि अगर इस लावारिस व्यक्ति का कोई परिजन सामने नहीं आया तो उसका अंतिम संस्कार वो खुद करेंगे. कानूनी प्रक्रिया पूरी किए जाने के बाद उन्होंने उस लावारिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार कर दिया. बैजनाथ सिंह ने बताया कि लावारिस शव का अंतिम संस्कार करना उनका मिशन बन गया है. वे निजी खर्च पर शव का अंतिम संस्कार करते हैं, चाहे वह किसी भी धर्म का हो.
इस दौरान बैजनाथ सिंह को प्रशासनिक तौर पर कानूनी सहायता मिलती है, ताकि शव का अंतिम संस्कार किया जा सके. 2023 के बाद से अब तक 15 से अधिक लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं. मेदिनीनगर टाउन प्रभारी देवव्रत पोद्दार ने बताया कि बैजनाथ सिंह लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते हैं. इसके लिए उन्हें कानूनी सहायता उपलब्ध करवाई जाती है.
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