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रांची में छात्र-युवा कन्वेंशन, निजीकरण के खिलाफ लड़ेगा सीपीआई माले- दीपांकर - Youth convention - YOUTH CONVENTION

Student-youth convention in Ranchi. सीपीआई माले की छात्र इकाई आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा के द्वारा रांची में छात्र-युवा कन्वेंशन का आयोजन किया गया. जिसमें भारी संख्या छात्र और युवाओं ने भाग किया. इस सभा को संबोधित करते हुए सीपीआई माले नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने युवाओं को संबोधित किया.

CPI ML students youth convention in Ranchi
सीपीआई माले की छात्र इकाई आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा का छात्र-युवा कन्वेंशन (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 13, 2024, 7:39 PM IST

रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक है. ऐसे में हर राजनीतिक दल राज्य के नौजवानों, छात्र और युवाओं के मुद्दे को प्रमुखता से उठा रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को पुरानी विधानसभा के सभागार में सीपीआई माले की छात्र इकाई आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा ने छात्र-युवा कन्वेंशन का आयोजन किया. जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं-छात्रों ने भाग लिया.

सीपीआई माले की छात्र इकाई की ओर से रांची में छात्र-युवा कन्वेंशन का आयोजन (ETV Bharat)

इस कन्वेंशन में सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और विधायक विनोद कुमार सिंह ने भी शिरकत की. इस कन्वेंशन में वक्ताओं ने देश के साथ साथ झारखंड के युवाओं के रोजगार, पलायन, पक्की नौकरी जैसे बुनियादी सवालों पर चर्चा की. साथ ही कहा कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से आज के युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ता दिख रहा है. सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि भारत को युवाओं का देश कहा जाता है और उसमें भी झारखंड ज्यादा युवा राज्य है. राज्य के युवाओं की अधिक संख्या का लाभ डेमोग्राफिक डिविडेंड के रूप में मिलना चाहिए था. लेकिन सच्चाई यह है कि राज्य के युवा बेरोजगारी और पलायन का सबसे अधिक दंश झेल रहे हैं.

दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि स्थायी और सुरक्षित नौकरियां केंद्र सरकार की गलत नीतियों से समाप्त होती जा रही है. अब तो पब्लिक सेक्टर में भी ठेका प्रथा आ गया है. इसके खिलाफ हमें अपनी लड़ाई को तेज करना होगा. जब तक निजीकरण की प्रक्रिया को हमेशा के लिए रोक नहीं दिया जाता तब तक माले और उसकी ईकाइयों का संघर्ष जारी रहेगा क्योंकि शोषण की शुरुआत ही निजीकरण के साथ शुरू हो जाती है.

सीपीआई माले के कन्वेंशन में जुटे युवा (ETV Bharat)

दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि यह सच्चाई है कि राज्य में वर्तमान सरकार पहले कोरोना की वजह से और बाद में केंद्र सरकार द्वारा लगातार सरकार को अस्थिर करने के प्रयास के चलते बहुत सारा काम नहीं कर पाई है. राज्य में नए नए रोजगार के सृजन की आवश्यकता बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में मानदेय की प्रणाली खत्म कर सेवा नियमितीकरण करना होगा. आने वाले विधानसभा चुनाव में युवाओं का मुद्दा चुनावी मुद्दे के केंद्र में होगा. केजरीवाल को जमानत मिलने पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि अभी सत्येंद्र जैन वर्षों से जेल में हैं, कई एक्टिविस्ट बिना किसी वजह के जेल में पड़े हैं, उन सबको भी सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिलना चाहिए.

भाजपा ने हेमंत सरकार को कभी खुलकर काम नहीं करने दिया

आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा के छात्र-युवा कन्वेंशन को बगोदर से माले विधायक विनोद कुमार सिंह ने भी संबोधित किया. विधायक ने कहा कि राज्य में जब भी वर्तमान सरकार ने कुछ बेहतर काम करने की कोशिश की तब तब भाजपा ने उसमें बाधा डालने का काम किया. ओबीसी को आरक्षण की बात हो, निजी क्षेत्र में 75 फीसदी आरक्षण स्थानीय को देने की बात हो या कोई भी अन्य मामला हो, हर बार भाजपा और केंद्र की सरकार ने रोड़े डाले हैं. उन्होंने कहा कि माले युवाओं और छात्रों के हितों की लड़ाई लगातार जारी रखेगा.

विधानसभा चुनाव को लेकर युवा राजनीतिक दलों के आकर्षण के केंद्र में हैं

राज्य की राजनीति को बेहद नजदीक से जानने समझने वाले पत्रकार अशोक कुमार कहते हैं कि यह सही है कि राज्य में युवाओं-छात्रों में अपने भविष्य की चिंता सबसे ज्यादा है. सरकारी नौकरियों में भी अनुबंध के बाद अब थर्ड पार्टी के माध्यम से जॉब देने की प्रथा से शोषण और बढ़ा है. लेकिन इस विधानसभा चुनाव के ठीक पहले युवाओं के मुद्दे इस लिए राजनीतिक दलों के केंद्र में क्योकि एक बड़ा वोट बैंक वैसे युवाओं की है जो 18 वर्ष से 30 वर्ष के उम्र समूह के हैं. जाहिर है कि इसपर सभी राजनीतिक दलों की नजर होना स्वाभाविक है.

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