रांचीःझारखंड में सीपीआई-माले और मासस का एकीकरण हो गया है.ऐसे में राज्य में इंडिया ब्लॉक में इस बार माले को जगह मिलने की प्रबल संभावना है, लेकिन सवाल यह है कि राज्य में वाम की दो अन्य बड़ी पार्टियां सीपीआई और सीपीएम की भूमिका झारखंड विधानसभा चुनाव में क्या होगी? इस सवाल पर सिर्फ कयास ही लगाए जा रहे हैं. सीपीआई-सीपीएम ने इंडिया ब्लॉक से अलग रहने की स्थिति में भी चुनाव लड़ने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है, लेकिन उसे सार्वजनिक करने से पहले सीपीआई और सीपीएम महागठबंधन के रुख को भांप लेना चाहती है.
लेफ्ट की अन्य पार्टियों पर क्या पड़ेगा असर?
राज्य में सीपीआई माले और मासस के मेल का लेफ्ट की अन्य पार्टियों पर कोई असर नहीं पड़ने की बात कहते हुए सीपीआई नेता अजय सिंह ने कहा कि वाम मोर्चा में मुख्यतः चार लेफ्ट पार्टियां ही रही हैं.सीपीआई,सीपीएम, फारवर्ड ब्लॉक और आरएसपी. राज्य में ये दल ही आपस में मिलकर झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. अजय सिंह ने कहा कि उनकी इच्छा है कि भाजपा विरोधी वोटों का बिखराव नहीं हो, लेकिन इसकी जिम्मेवारी जितनी सीपीआई- सीपीएम की है उतनी ही जवाबदेही झामुमो-कांग्रेस और राजद की भी है.
आठ सितंबर को अंतिम फैसला लेगी सीपीआई-अजय सिंह
सीपीआई नेता ने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने के लिए आठ सितंबर को रांची में बड़ा कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा,उसी सम्मेलन में यह फैसला लिया जाएगा कि सीपीआई विधानसभा चुनाव में कितने सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करेगी.