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वंदे भारत स्लीपर का हाई स्पीड ट्रायल, तेज गति से चल रही ट्रेन के सामने अचानक आई गाय - VANDE BHARAT SLEEPER TRAIL

कोटा में नई वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का हाई स्पीड ट्रायल चल रहा है. ट्रायल के दौरान एक गाय ट्रेन से टकरा गई.

वंदे भारत स्लीपर का ट्रायल
वंदे भारत स्लीपर का ट्रायल (ETV Bharat Kota)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 10, 2025, 10:00 PM IST

कोटा : रेल मंडल में वर्तमान में नई वंदे भारत स्लीपर के ट्रायल के दौरान एक गाय के ट्रेन से टकराने का मामला सामने आया है. यह घटना दिल्ली-मुंबई ट्रैक पर ट्रायल के दौरान हुई. ट्रेन कोटा से सवाई माधोपुर की ओर जा रही थी और घाट का बराना से लबान स्टेशन के बीच यह हादसा हुआ. हालांकि, यह घटना दो दिन पुरानी है और 8 जनवरी को घटित हुई. रेलवे प्रबंधन ने बताया कि घटना के बावजूद वंदे भारत स्लीपर का ट्रायल कोटा में जारी रहा और ट्रायल निरंतर चलता रहा. जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन भी ट्रायल पूरा हुआ था.

घटना 8 जनवरी को हुई. इसमें ट्रायल के लिए आई वंदे भारत स्लीपर से गाय टकरा गई थी, हालांकि, इसके बाद भी ट्रायल नहीं रुका. घटना वाले पूरे दिन ट्रायल चला था. वर्तमान में भी ट्रायल चल रहा है- सौरभ जैन, वरिष्ठ मंडल रेल प्रबंधक, कोटा

इसे भी पढ़ें-कोटा में ट्रायल : 180 की स्पीड पर दौड़ी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, एयर सस्पेंशन और ब्रेकिंग की हुई जांच

घटना के दौरान रेलवे ट्रैक पर अचानक गाय आ गई थी, जिससे वह वंदे भारत स्लीपर ट्रेन से टकरा गई. इसके बाद गाय ट्रैक से दूर जाकर गिर गई. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को रोक कर स्थिति का जायजा लिया गया और सब कुछ ठीक मिलने के बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया.

180 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्रायल : वंदे भारत स्लीपर का ट्रायल कोटा रेल मंडल की यातायात विंग और अनुसंधान अभिकल्प मानक संगठन (RDSO) लखनऊ टीम द्वारा किया जा रहा है. यह ट्रायल 31 दिसंबर से शुरू होकर एक महीने तक जारी रहेगा. वंदे भारत स्लीपर रैक का भारतीय रेलवे में पहला हाई स्पीड ट्रायल कोटा मंडल में ही हो रहा है. इस ट्रायल में कपलर फोर्स, एयर सस्पेंशन, ब्रेकिंग सिस्टम, घुमावदार ट्रैक पर स्पीड परीक्षण शामिल है. इसके अलावा, सूखे और गीले ट्रैक की स्थितियों में 160 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड पर भी परीक्षण किया गया है. साथ ही 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति पर भी ट्रेन का परीक्षण किया गया है.

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