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NIEPVD छात्रा रेप केस: कोर्ट ने शिक्षक और प्राचार्य को माना दोषी, रेपिस्ट टीचर को 20 साल की सजा - 2018 NIEPVD rape case

NIEPVD Dehradun Rape Case एनआईईपीवीडी देहरादून में साल 2018 में छात्रा से रेप मामले में स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने शिक्षक और प्राचार्य को दोषी मानते हुए 20 साल व 6 महीने की सजा सुनाई है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 30, 2024, 7:34 PM IST

Updated : Jan 31, 2024, 2:11 PM IST

देहरादून: राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान देहरादून (एनआईईपीवीडी) में साल 2018 में छात्रा के साथ छेड़खानी व दुष्कर्म के मामले में स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आज मंगलवार 30 जनवरी को फैसला सुनाया है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीष पंकज तोमर की अदालत ने संस्थान के दिव्यांग शिक्षक और प्राचार्य को दोषी करार देते हुए शिक्षक को 20 साल और प्राचार्य को छह माह की सजा सुनाई है.

दरअसल, देहरादून में राजपुर रोड स्थित एनआईईपीवीडी (National Institute for the Empowerment of Persons with Visual Disabilities) में साल 2018 में नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़ का मामला सामने आया था, जिसके बाद जिला बाल कल्याण समिति की तरफ से राजपुर थाने में शिक्षक सुचित नारंग के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद काफी समय तक सुचित अंडरग्राउंड रहा और साथ ही उसने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जमानत याचिका भी दायर की थी. जब कोर्ट से जमानत नहीं मिली तो 25 सितंबर 2018 को सुचित ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था.

पुलिस ने जांच में पीड़ित छात्रा के बयान दर्ज किए तो सामने आया कि उसने मुकदमा दर्ज होने से करीब छह महीने पहले संस्थान की प्राचार्य और उप प्राचार्य से इसकी शिकायत भी की थी, लेकिन शिकायत पर कार्रवाई की बजाय संस्थान के अधिकारियों ने उसे दबाने की कोशिश की. पीड़िता के बयान के आधार पर मुकदमे की जांच कर रही एसआई विनीता चौहान ने एनआईईपीवीडी की तत्कालीन निदेशक अनुराधा डालमिया, प्राचार्य डॉ अनुसुया शर्मा, संस्थान कर्मचारी तेजी और लखनऊ के जिस आश्रम से पीड़ित छात्रा को एनआईईपीवीडी में पढ़ाई के लिए भेजा था, उसकी संचालिका पूर्णिमा को भी आरोपी बनाया था.

इसके साथ ही लखनऊ की आश्रम संचालिका पर आरोपी शिक्षक सुचित के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद पीड़िता पर बयान बदलने के लिए दबाव बनाने का आरोप है. साथ ही थाना राजपुर में सुचित नारंग के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो और अन्य के खिलाफ पॉक्सो और आपराधिक षड्यंत्र व साक्ष्य छुपाने की धाराओं में चार्ज लगाए गए थे.

सहायक शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया कि 30 जनवरी को स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होने के बाद एनआईईपीवीडी में छात्रा से छेड़खानी और दुष्कर्म के मामले में संस्थान के शिक्षक सुचित नारंग और प्राचार्य अनुसूया शर्मा को दोषी करार देने के बाद शिक्षक को 20 साल की सजा और प्राचार्य को छह माह की कैद की सजा हुई है.

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Last Updated : Jan 31, 2024, 2:11 PM IST

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