पिथौरागढ़: एक पिता को अपने नाबालिग बेटे को वाहन चलाने को देना भारी पड़ा है. न्यायिक मजिस्ट्रेट तान्या मिड्ढा की अदालत ने नाबालिग को वाहन देने पर पिता को दोषी करार दिया. न्यायालय ने दोषी पिता को न्यायालय उठने तक वहीं रहने की सजा सुनाई और 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना ना देने पर पिता को दो माह का कारावास भुगतना होगा.
नाबालिग के स्कूटी चलाने पर पिता को मिली सजा, जज ने कोर्ट उठने तक की सुनाई सजा और लगाया जुर्माना
नाबालिग को वाहन चलाने देने पर कोर्ट ने पिता को सजा और जर्माना लगाया. जुर्माना ना देने पर दो माह की कारावास की सजा सुनाई.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Nov 24, 2024, 11:01 AM IST
|Updated : Nov 24, 2024, 11:15 AM IST
बताया जा रहा है कि मामला मई 2023 का है. जहां पिथौरागढ़ कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत घंटाकरण में चेकिंग के दौरान पुलिस ने एक स्कूटी वाहन को रोका. जहां शक होने पर पुलिस ने नाबालिग से पूछताछ की और पुलिस ने उसके परिजनों को दस्तावेजों के साथ बुलाया परिजनों ने मौके पर पहुंचकर दस्तावेज दिखाए तो स्कूल की अंकतालिका के हिसाब से बच्चा नाबालिग निकला. नाबालिग पुत्र को वाहन देने पर पुलिस ने उसके पिता मो. आदिल के खिलाफ धारा 199 ए और 207 मोटर वाहन अधिनियम के तहत केस दर्ज कर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया.
तब से यह मामला न्यायालय में चल रहा था. शनिवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट तान्या मिड्ढा ने नाबालिग पुत्र को वाहन देने का दोषी पाते हुए पिता को न्यायालय उठने तक वहीं रुकने की सजा सुनाई. साथ ही 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. पिता द्वारा जुर्माना नहीं जमा करने की स्थिति में 2 महीने का साधारण कारावास भुगतना होगा. बताया जा रहा है कि नाबालिग को वाहन देने पर न्यायालय से पिता को सजा मिलने का जिले में यह पहला मामला है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अपने नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने को ना दें.
पढ़ें-अल्मोड़ा बस हादसे के बाद सख्ती, परिवहन विभाग ने 150 वाहनों का किया चालान, KMOU की 6 बसों समेत 12 वाहन सीज