सरगुजा: युवाओं को रोजगार मिले इसके लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है. सरगुजा में देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनने पर सैकड़ों युवाओं को यहां नौकरी मिलेगी. टाइगर रिजर्व बनाने की मंजूरी भी कैबिनेट से मिल गई है. उत्तर छत्तीसगढ़ के लिए ये बहुत बड़ी कामयाबी साबित होगी. सरगुजा अपने घने जंगलों के लिए जाना जाता रहा है. यहां वाइल्ड लाइफ का बेहतर सामंजस्य भी मौजूद है. इस नई शुरुआत से टाइगर्स के साथ साथ सरगुजा में रोजगार के भी अच्छे दिन आएंगे. सरकार इस टाइगर रिजर्व को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करेगी जिससे स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा.
टाइगर रिजर्व से मिलेगा रोजगार: टाइगर रिजर्व से कोरिया जिले में इसका सबसे अधिक लाभ सीधे तौर पर लोगों को मिलने वाला है. कोरिया जिले के सोनहत और रामगढ़ ये दो ऐसे गांव होंगे जो कोर और बफर जोन के एक छोर से दूसरे छोर को जोड़ेंगे. सैलानियों को इन जगहों से सफारी लेनी होगी, लिहाजा यहां होटल, रेस्टोरेंट, टूरिस्ट गाइड, टूर एन्ड ट्रैवल्स, वाहन चालक जैसे कामों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इसके साथ ही इन क्षेत्रों के बाजार में कपड़े, फोटोग्राफी और पर्यटन से जुड़ी वस्तुओं का बाजार भी बढ़ेगा.
पर्यटन स्थल होंगे डेवलप: पर्यटकों की संख्या जब बढ़ेगी तो इलाके का विकास भी तेजी से होगा. ग्रामीण इलाकों के बाजार भी शहरों की तर्ज पर विकसित होंगे. ग्रामीण इलाकों में मिलने वाली सुविधाओं में भी तेजी से इजाफा होगा. सैलानियों के आने से स्थानीय लोगों को दूसरे बाजारों में जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी. टाइगर रिजर्व का ज्यादातर एरिया कोरिया, एमसीबी और सूरजपुर जिले में होगा, वहीं बलरामपुर जिले में भी टाइगर रिजर्व का दायरा रहेगा.
"अपना जो क्षेत्र है इसमें टाइगर के बचाव की संभावना है, यहां पर्यटन की भी अपार संभावनाए हैं. पर्यटन के विकसित सोने से यहां का स्थानीय रोजगार भी बढ़ेगा और भारत के नक्शे में हमारी एक नई पहचान बनेगी"- नवीन पांडेय, स्थानीय निवासी