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छत्तीसगढ़ के नेताओं के बयान विवादों में, कुत्ते की दुम से कर रहे नेता एक दूसरे की तुलना - Lok Sabha elections 2024 - LOK SABHA ELECTIONS 2024

छत्तीसगढ़ में दोनों सियासी पार्टियों के नेताओं की जुबान बेकाबू हो गई है. दोनों दलों के नेता एक दूसरे पर अमर्यादित बयानबाजी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. आलम यह है कि नेता एक दूसरे की तुलना कुत्ते की दुम से करने लगे हैं.

lok sabha election 2024
लोकसभा चुनाव 2024

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 11, 2024, 11:01 PM IST

छत्तीसगढ़ के नेताओं के बयान विवादों में

रायपुर: लोकसभा चुनाव चरम पर है. इस बीच राजनीतिक दलों की बयानबाजी तेज हो गई है. छत्तीसगढ़ की दोनों प्रमुख पार्टी कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के साथ कई ऐसे बयान दे रही है, जो विवादों में है. ये और बात है कि दोनों ही राजनीतिक दल अपने बयान को मुहावरा और दूसरे बयान को विवादित बता रही है.

कुत्ते की दुम से भाजपा ने की कांग्रेस की तुलना: बीजेपी और कांग्रेस सोशल मीडिया पर भी जुबानी जंग लड़ते नजर आ रहे हैं. जहां एक ओर बीजेपी ने कांग्रेस के बयान को तुलना कुत्ते की दुम से की है. वहीं, भाजपा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है. भाजपा में सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर लिखा कि, "बदतमीजी की सीमा को पार कर रहे कांग्रेसी." बीजेपी ने वीडियो में कवासी लखमा के बयान की तुलना कुत्ते की दुम से कर डाली है.

महंत के बाद कवासी का विवादित बयान: इस बारे में भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी का कहना है कि, "भाजपा ने चुनाव आयोग को इन बयानों की शिकायत की है. समाज में इस बात की चर्चा होती है. यदि बार-बार कोई चीज बोली जाती है, उसके बाद भी कोई नहीं सुधरता है, तो कहा जाता है कि कुत्ते की दुम है, वह सीधी नहीं होगी. मतलब इसमें सुधार नहीं होगा. चरणदास के बयान पर एफआईआर होने के बाद कवासी कहते हैं कि मोदी मरेगा. तो उसमें किससे इनकी तुलना की जाए? यह कहावत इनके ऊपर तो फिट बैठती है."

कांग्रेस ने किया पलटवार:बीजेपी के बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने पलटवार किया है. सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि, "लखमा और महंत ने जो कहा है, उन शब्दों की भावनाएं कहीं से भी गलत नहीं थी.भाजपा को हिंदी, गोंडी, छत्तीसगढ़ी ओर अंग्रेजी नहीं आती है. इसमें हमारा क्या दोष है? छत्तीसगढ़ी में कहे गए मुहावरे अपने ऊपर लेकर ये आरोप लगाते हैं. तो यह उसका दोष है. लखमा ने गोंडी भाषा में कहा था लखमा जीतेगा और मोदी का अंत होगा. यह सामान्य बात है. नरेंद्र मोदी के कार्यकाल का अंत होगा, इसमें गलत क्या है? भाजपा मुद्दों से ध्यान भटकने के लिए इस तरह की बातें करती है. हमारे नेताओं ने कहीं भी कुछ भी गलत नहीं कहा है."

एक तरफ भाजपा दुहाई दे रही है कि हमारे नेताओं के बारे में अनर्गल बातें की जा रही है. दूसरी तरफ पूरी पार्टी को अपमानित करने का काम कर रही है. भाजपा का यह चरित्र कोई नया नहीं है. उस वीडियो में उन्होंने जिस मुहावरे का प्रयोग किया है, लगभग भारतीय जनता पार्टी का वही चरित्र है, जो कभी सीधा नहीं हो सकता. -सुशील आनंद शुक्ला, कांग्रेस प्रवक्ता

भाजपा नेताओं पर विवादित बयान पर कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व क्यों मौन: इस पूरे मामले में बीजेपी नेता शिवरतन शर्मा ने कहा कि, "छत्तीसगढ़ी नहीं बल्कि देश के दूसरे राज्यों में भी कांग्रेसी नेता मोदी को लेकर विवादित बयान देते रहे. छत्तीसगढ़ में कवासी लखमा और चरणदास महंत ने भी मोदी को लेकर विवादित बयान दिया था।. पिछले चुनाव के दौरान भी छत्तीसगढ़ में मानपुर मोहला में कांग्रेस नेताओं ने एक सभा में भाषण दिया था कि भाजपा कार्यकर्ता चुनाव प्रचार करने आते हैं तो उनके हाथ पैर काट दो और भाषण के तीसरे दिन भाजपा कार्यकर्ता के क्षेत्र में हत्या हो गई. कवासी लखमा मोदी के मारने और चरणदास महंत लाठी मार कर सर फोड़ने की बात कर रहे हैं. एक के बाद एक कांग्रेस कमेटी नेताओं के इस तरह का बयान आ रहे हैं. उस पर कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व मौन है. क्या यह माना जाए कि छत्तीसगढ़ में जो भी हो रहा है, उस पर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व की सहमति है."

यानी कि इन दिनों छत्तीसगढ़ में नेताओं की जुबानी जंग तेज है. दोनों सियासी दल एक दूसरे पर जुबानी प्रहार कर रहे हैं. साथ ही दोनों दलों ने एक दूसरे की तुलना कुत्ते के दुम से की है.

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