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निवर्तमान पार्षद ने पूर्व पार्षद पति के साथ मिलकर कर दिया 'कांड', देहरादून नगर निगम की जमीन ही बेच डाली! - dehradun land fraud case

उत्तराखंड के देहरादून जिले में निवर्तमान पार्षद ने पूर्व पार्षद पति के साथ मिलकर बड़ा कांड कर दिया. यहां दोनों ने देहरादून नगर निगम की जमीन बेचने के नाम पर एक करोड़ 30 रुपए की ठगी कर डाली. दंपति के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज कर लिया है.

Raipur Police Station Dehradun
रायपुर थाना देहरादून (ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 23, 2024, 7:10 PM IST

देहरादून: राजधानी देहरादून में जमीन की खरीद-फरोख्त को लेकर फर्जीवाड़ा करने के एक और नया मामला सामने आया है. इस बार आरोप देहरादून नगर निगम की निवर्तमान पार्षद और उनके पूर्व पार्षद पति पर लगा है. दोनों के खिलाफ देहरादून के रायपुर थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ है. आरोप है कि दोनों ने देहरादून नगर निगम की जमीन ही बेच दी. इसी तरह आरोपी दंपति ने करीब एक करोड़ 30 लाख रुपए की ठगी की.

आरोप है कि सहस्त्रधारा रोड पर देहरादून नगर निगम की करीब 6 बीघा जमीन है. जिसका सौदा पार्षद ने अपने पति के साथ मिल कर किया था. इस मामले में बलबीर रोड निवासी असलम खान ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. असलम खान ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि उनकी मुलाकात निर्वतमान पार्षद और उनके पूर्व पार्षद पति से हुई थी. दोनों राजनीतिक पार्टी के बड़े नेता है.

आरोप है कि दोनों ने असलम खान को अपने राजनीतिक रसूख का हवाला देते हुए प्रस्ताव दिया कि देहरादून नगर निगम की जमीन बिकाऊ है, जिसे वो उसे दिलवा देंगे. इसमें असलम खान को अच्छा खासा मुनाफा होगा. सभी जिम्मेदारी उनकी होगी.

असलम खान दोनों की बातों में आ गया और जमीन खरीदने के लिए तैयार हो गया. असलम खान ने अपने कुछ जानकारों का भी जमीन खरीदने में शामिल कर लिया. आरोप है कि दंपति ने सहस्त्रधारा रोड पर आईटी पार्क के पास जमीन दिखाई. इसके बाद दोनों ने पीड़ित से अलग-अलग तरीखों में करीब एक करोड़ 30 लाख रुपए लिए.

  • आरोपों के अनुसार 24 जुलाई 2022 को नगर निगम में अग्रिम धनराशि जमा करने के नाम पर 19 लाख रुपए लिए गए.
  • 26 जुलाई 2022 को पटवारी, तहसीलदार और मुख्य सचिव कार्यालय में जमा करने के नाम पर 15 लाख रुपए लिए गए.
  • 31 जुलाई 2022 को पंचायत में क्लीरियन्स के लिए जमा करने के नाम पर पांच लाख रुपए लिए गए.
  • दो अगस्त को नगर निगम में जमा करने के नाम पर 15 लाख रुपए लिए गए.
  • पांच अगस्त को स्टाम्प शुल्क और नगर निगम अधिकारी जगदीश लाल के नाम पर 19 लाख रुपए लिए गए.
  • दस अगस्त 2022 को नगर निगम के चपरासी को दिलवाने के नाम पर छह हजार रुपए लिए गए और दाखिल खारिज क नाम पर साढ़े दस लाख रुपए लिए गए.
  • 20 अगस्त को सेल डिड पंजीकृत कराने के नाम पर साढ़े तीन लाख रुपए लिए गए.
  • उसके बाद पति-पत्नी ने पीड़ित को नगर निगम की एक अन्य भूमि टचवुड स्कूल के पास सहस्त्रधारा रोड दिखाई गई और उसकी औपचारिकता, अनुमति और खरीदने के नाम पर अलग-अलग तारीखों में 29 लाख 20 हजार रुपए लिए.
  • उसके बाद दोनों ने एक और जमीन अमृत फार्म के पास दिखाई, जिसके एवज में 20 सितंबर 2023 को साढ़े पांच लाख लिए गए.
  • इस तरह से पति पत्नी ने पीड़ित से कुल 1,31,76,000 रुपए लिए गए थे.

लेकिन काफी समय बाद भी जमीनों की रजिस्ट्री नहीं हुई. पीड़ित ने जब अपने स्तर पर मामले की खोजबीन की तो पता चला कि देहरादून नगर निगम की कोई संपत्ति बिकाऊ नहीं है. सम्पत्ति ट्रांसफर से सम्बन्धित पत्रावली न तो शासन में है न ही कभी नगर निगम में दाखिल की गई है. ये जानकारी मिलते ही पीड़ित के पैरे तले की जमीन खिसक गई.

आरोप है कि जब पीड़ित ने आरोपी दंपति से अपने रुपए वापस मांगे तो उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी. वहीं इस मामले में एसपी सिटी प्रमोद कुमार ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर आरोपी दंपति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. आरोपियों ने नगर निगम की जमीन बेचने के नाम पर अलग-अलग विभाग के नाम पर पर रुपए देने के नाम पर धोखाधड़ी की गई है.

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