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वनाग्नि से निपटने के लिए कॉर्बेट पार्क प्रशासन की तैयारी, कर्मचारियों को दी जा रही ट्रेनिंग - आग बुझाने की ट्रेनिंग

Forest Fire Week organized in Corbett National Park Ramnagar 15 फरवरी से फायर सीजन शुरू हो रहा है. उससे पहले जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के कर्मचारियों को वनाग्नि से निपटने की ट्रेनिंग दी जा रही है. गांवों में जाकर ग्रामीणों के साथ गोष्ठी भी की जा रही है. कॉर्बेट प्रशासन 7 फरवरी तक वनाग्नि सप्ताह मनाएगा.

Corbett National Park Ramnagar
वनाग्नि सप्ताह रामनगर

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 3, 2024, 10:24 AM IST

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर खुद को हमेशा मुस्तैद बताता है. इसी क्रम में आगामी फायर सीजन के शुरू होने से पूर्व ही पार्क प्रशासन पार्क को वनाग्नि से बचाने को लेकर तैयारियों में जुट गया है.

वनाग्नि से निपटने को ट्रेनिंग: विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में हर वर्ष वानाग्नि की घटनाएं बहुत कम देखने को मिलती हैं. क्योंकि पार्क प्रशासन हमेशा वनों और वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर मुस्तैद दिखाई देता है. आपको बता दें कि हर वर्ष 1 से 7 फरवरी तक वनाग्नि सप्ताह बनाया जाता है. इसी के साथ ही 15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन की शुरुआत हो जाती है. इस दौरान वन विभाग के कई क्षेत्रों में वनाग्नि की घटनाएं सामने आती हैं.

फायर सीजन को लेकर ग्रामीणों संग गोष्ठी: वनाग्नि से निपटने को लेकर पार्क प्रशासन ने भी तैयारी शुरू कर दी है. जिसको लेकर वनाग्नि सप्ताह में पार्क प्रशासन द्वारा कॉर्बेट पार्क से लगते ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों के साथ गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. साथ ही उनको बताया जा रहा है कि वानाग्नि की घटनाएं सामने आने पर वह पार्क प्रशासन को किस तरह सूचित करें और खुद के प्रयासों से भी वह आग को रोक सकते हैं, उन कार्यों से भी ग्रामीणों को रूबरू करवाया जा रहा है.

वनाग्नि से निपटने के लिए ये है तैयारी: कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी ने बताया कि हमारे द्वारा वानाग्नि की घटनाओं से निपटने के लिये 12 मास्टर क्रू स्टेशन के साथ ही 50 क्रू स्टेशन के जरिये वनाग्नि की घटनाओं को रोका जाता है. पार्क वार्डन ने बताया कि पार्क के अंदर 120 वन चौकियां हैं, जहां हमारे वनकर्मी पार्क की सुरक्षा को लेकर तैनात रहते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि इन 120 चौकियों के अन्तर्गत 50 क्रू स्टेशन बनाये गए हैं, जहां हर समय 4 से 5 वनकर्मी तैनात रहते हैं. इन क्रू स्टेशन में वनाग्नि से निपटने के लिए कई उपकरण मौजूद हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा वनाग्नि की घटनाओं से निपटने के लिए तैयारियां कर ली गयी हैं.
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