नूंह: गांव पल्ला में स्थित शेख मूसा चिश्ती दरगाह पर आगामी 30 नवंबर को सालाना उर्स प्रस्तावित है, लेकिन कुछ दिन पहले एक वर्ग की ओर से पंचायत कर उर्स आयोजन का विरोध किया गया. अब जिला प्रशासन ने आयोजन की अनुमति देकर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है. सालाना उर्स को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद रहने की उम्मीद है.
ये था मामला : दरअसल, उर्स आयोजन को लेकर दो पक्ष आमने - सामने आ गए थे. एक पक्ष उर्स मनाने की बात कह रहा था तो दूसरा उसे रुकवाने की हरसंभव कोशिश कर रहा था. इससे एक ही समुदाय से अलग-अलग धार्मिक आस्था रखने वाले दो वर्गों में विवाद पैदा हो गया है. उर्स आयोजन कमेटी से जुड़े लोगों ने धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी. इस संदर्भ में उन्होंने सीधे तौर पर जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री से शिकायत की थी. साथ ही जल्द से जल्द उर्स आयोजन की अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया था, जिसे मंजूरी मिल गई है.
30 नवंबर को होगा आयोजन: उर्स आयोजन कमेटी और सूफिया ए इकराम वेलफेयर सोसाइटी की ओर से मोहम्मद रफीक ने बताया कि गांव पल्ला में हजरत दादा सईद शेख मूसा चिश्ती की दरगाह है. जहां प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी 713वां उर्स आगामी 30 नवंबर को मनाया जाना प्रस्तावित है. आयोजन की सभी तैयारी कर ली गई है. इसके लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई है, जो मिल चुकी है. उन्होंने कहा कि सालाना उर्स को लेकर कुछ कट्टरवादी विचारधारा के संगठनों से जुड़े लोगों ने पल्ला दरगाह पर 20 नवंबर को एक पंचायत का आयोजन किया. जिसमें समाज व कानून को ताक पर रखते हुए सालाना उर्स को आयोजित ना होने की चेतावनी दी. उर्स आयोजन के खिलाफ आमजन को बरगलाने का प्रयास किया.