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खराब गुणवत्ता का खाना मिले तो यहां करें शिकायत, पीड़ित ग्राहकों के लिए बनाया गया कंट्रोल रूम - control room for customers

जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने ग्राहकों को खराब गुणवत्ता का खाना न (control room for customers) परोसे जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि ग्राहक शिकायत के लिए कंट्रोल रूम से संपर्क कर सकते हैं.

जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार (फाइल फोटो)
जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार (फाइल फोटो) (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 25, 2024, 6:44 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रेस्टोरेंट, ढाबे और खाने-पीने की दुकानों पर गुणवत्ता को लेकर अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद खाद्य सुरक्षा विभाग पूरे राज्य में अभियान चला रहा है. इसमें रेस्टोरेंट, ढाबों और जूस कॉर्नर की साफ सफाई, खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और स्टाफ की साफ-सफाई की जांच की जा रही है. लखनऊ जिलाधिकारी ने इसको लेकर हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जिसमें शिकायत करने के लिए लोगों से अपील की है.

शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर
• FSDA टोल फ्री हेल्पलाइन
मुख्यालय : 18001805533
• जनपद स्तरीय FSDA कार्यालय कलक्ट्रेट लखनऊ
हेल्पलाइन : +915223514492

जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने निर्देश दिया है कि उपभोक्ताओं को खराब गुणवत्ता का खाना न परोसा जाए. यदि किसी भी उपभोक्ता की शिकायत है तो वह सीधे कंट्रोल रूम से संपर्क कर सकते हैं. शिकायत करने वाले उपभोक्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी. जिलाधिकारी ने कहा कि यह रेस्टोरेंट, ढाबा अन्य खाद्य पदार्थ बेचने वाले दुकानदारों की जिम्मेदारी है कि वो गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखें. दीपावली से पहले खाद्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम विशेष अभियान चलाएगी. इसके लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जो पहले से चल रहा है.



प्रदूषण का प्रकोप बिगाड़ रहा फेफड़ों की सेहत : केजीएमयू के शताब्दी भवन प्रेक्षागृह में बुधवार को एक जागरुकता कार्यक्रम को पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदूषण का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. यह शरीर के साथ फेफड़ों की सेहत बिगाड़ रहा है. सबसे ज्यादा प्रदूषण फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है. इससे मरीज संक्रमण की चपेट में आ रहा है. तमाम तरह की बीमारियां घेर रही हैं.

डॉ. वेद प्रकाश ने कहा कि 24 घंटे में 10 हजार लीटर हवा फेफड़ों तक जाती है और सांस के जरिए बाहर निकालती है, ऐसे में हवा में मौजूद बैक्टीरिया व वायरस फेफड़ों पर आसानी से हमला बोलते हैं, जो संक्रमण के लिए जिम्मेदार हैं. फेफड़े के संक्रमण से पीड़ित मरीज को खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ महसूस होती है. इलाज में देरी से मरीज की जान जोखिम में पड़ सकती है.

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