शिमला:हिमाचल में दूध खरीद मूल्य बढ़ने का असर अब धरातल पर दिखने लगा है. महिलाएं घर में खेती बाड़ी के काम में पुरुषों का सहयोग करने के साथ दुग्ध कारोबार से जुड़ कर आर्थिक तौर पर भी आत्मनिर्भर हो रही हैं. इसका बड़ा उदाहरण प्रदेश में 1148 ग्राम दुग्ध सहकारी समितियां हैं, जिनके कुल सदस्यों की संख्या 47,905 हैं. इनमें अकेले महिलाओं की संख्या 19,388 तक पहुंच गई है. प्रदेश सरकार ने दूध कारोबार को ऊंचाई देने के लिए राज्य में 11 दुग्ध संयंत्र और 116 बल्क मिल्क कूलर भी स्थापित किए हैं.
हिमाचल में दूध खरीद मूल्य बढ़ने से फल-फूल रहा कारोबार (ETV Bharat) गाय का दूध ₹45 और भैंस का दूध का ₹55 प्रति लीटर खरीद मूल्य:हिमाचलप्रदेश के ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में दुग्ध उत्पादन से जुड़ी गतिविधियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. जिसे बढ़ावा देने के लिए सरकार ने दूध के खरीद मूल्य में एक मुश्त भारी बढ़ोतरी की है. प्रदेश में गाय के दूध का खरीद मूल्य 45 रुपए और भैंस के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 55 रुपए प्रति लीटर तय किया गया है. जिसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की पशुपालन में रुचि बढ़ी है. प्रदेश में पशुपालन से जुड़ी महिला घर द्वार पर दूध बेच कर हर महीने औसतन 12 हजार से 15 हजार की कमाई कर रही हैं. इसके अलावा महिलाएं कृषि और बागवानी के क्षेत्र में भी पुरुषों का सहयोग कर रही हैं.
दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़ी हजारों महिलाएं (ETV Bharat) ढगवार में स्थापित किया जा रहा विश्व स्तरीय दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र:प्रदेश सरकार दुग्ध प्रसंस्करण और इसकी गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दे रही है. जिसके लिए प्रदेश में दुग्ध संयंत्रों का भी चरणबद्ध तरीके से उन्नयन किया जा रहा है. हिम-गंगा योजना के तहत जिला कांगड़ा स्थित ढगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से विश्व स्तरीय दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जा रहा है. इस संयंत्र की क्षमता को बढ़ाकर 3 लाख लीटर प्रतिदिन करने की योजना है. इस संयंत्र में अत्याधुनिक तकनीक से दूध का पाउडर बनाया जाएगा, जिसमें मांग से अधिक दूध को लंबे समय तक संरक्षित किया जा सकेगा. इसके अतिरिक्त दही, खोया, घी, आइसक्रीम, फ्लेवर्ड मिल्क, पनीर और अन्य उत्पाद भी तैयार किए जाएंगे. इस संयंत्र में अल्ट्रा हीट तकनीक से पैकिंग की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी.
200 रेफ्रिजरेटर मिल्क वैन कराई जाएगी उपलब्ध:प्रदेश में दूध कारोबार को उद्योग के तौर पर स्थापित करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए स्थानीय युवाओं को किसानों व एकत्रीकरण केंद्रों से दूध प्रसंस्करण संयंत्रों तक दूध ले जाने के लिए 200 रेफ्रिजरेटर मिल्क वैन उपलब्ध करवाने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है. राज्य सरकार ने दुग्ध संयंत्र कुल्लू, हमीरपुर, नाहन और दुग्ध संयंत्र ऊना की क्षमता 20-20 हजार लीटर करने की योजना भी बनाई है. दुग्ध विपणन प्रक्रिया और इसके परिवहन का युक्तिकरण भी किया जा रहा है.
102 ऑटोमेटिक मिल्क कलेक्शन यूनिट स्थापित किए गए:दुग्ध उत्पादन समितियों के पंजीकरण कार्य में तेजी लाई है, इसके लिए समितियों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जा रहा है. वहीं मिल्कफेड के ट्रेडमार्क ‘हिम’ का केंद्र सरकार से पंजीकरण करवाया गया है. प्रदेश मिल्कफेड की ओर से राज्य में 102 ऑटोमेटिक मिल्क कलेक्शन यूनिट स्थापित किए गए हैं और दूर-दराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण दूध एकत्र करने के लिए 320 लीटर क्षमता के 55 मिल्क कूलर छोटी समितियों को उपलब्ध करवाए गए हैं.
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