राजस्थान

rajasthan

ठेकाकर्मियों ने शहीद स्मारक पर किया प्रदर्शन, आरएलएसडीसी की अधिसूचना जारी करने की मांग - Demand Of RLSDC Notification

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 2, 2024, 6:46 PM IST

राजस्थान लॉजिकल सर्विस डिलीवरी कॉरपोरेशन (आरएलएसडीसी) के गठन की मांग को लेकर ठेकाकर्मियों ने शुक्रवार को शहीद स्मारक पर प्रदर्शन किया. इसमें आरएलएसडीसी की अधिसूचना जारी करने की मांग की गई.

Contract workers demonstrated at Shaheed Smarak
ठेकाकर्मियों ने शहीद स्मारक पर किया प्रदर्शन (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर:अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के नेतृत्व में प्रदेश के सभी विभागों और निगमों के सैंकड़ों ठेका कर्मचारियों ने राजस्थान लॉजिकल सर्विस डिलीवरी कॉरपोरेशन (आरएलएसडीसी) के गठन की मांग को लेकर शुक्रवार को शहीद स्मारक पर प्रदर्शन किया और मुख्य सचिव को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा.

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने ठेकाकर्मियों को शोषण से मुक्त करने के लिए 2023 की बजट घोषणा में राजस्थान लॉजिकल सर्विस डिलीवरी कॉरपोरेशन (आरएलएसडीसी) के गठन की घोषणा की थी, लेकिन इसकी अधिसूचना आज तक जारी नहीं की गई. राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार जहां गरीब जनता और छोटे कर्मचारियों का पैसा सीधे ही उनके खातों में भुगतान कर उन्हें बिचौलियों से मुक्त कर रही है. वहीं राज्य सरकार ऐसे बिचोलिए ठेकेदारों को पनपा रही है जो इन ठेकाकर्मियों का शोषण कर रहे हैं.

पढ़ें:झालावाड़ जिला अस्पताल में ठेका कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार, RLSDC से की नियुक्ति की मांग - Contract Workers Boycott Work

राठौड़ ने बताया कि ठेकेदारों को राज्य सरकार से 17 से 30 हजार रुपए प्रति ठेकाकर्मी बजट आवंटित होता है, लेकिन उन ठेका कर्मचारियों को मात्र 5 से 7 हजार रुपए का ही भुगतान किया जाता है. विरोध करने पर उन्हें निकालने की धमकी दी जाती है. राठौड़ ने मुख्यमंत्री से मांग की कि बजट घोषणा-2023 की क्रियान्विति में आरएलएसडीसी के गठन की अधिसूचना शीघ्र जारी कर इन ठेकाकर्मियों को बिचौलियों से राहत दी जाए.

पढ़ें:सरकारी विभागों में ठेके पर लगे कर्मचारियों में बढ़ने लगी नाराजगी, ज्ञापन के जरिये रख दी ये बड़ी मांग - Demand for employees

ठेका कर्मचारियों के अध्यक्ष नाथूसिंह गुर्जर ने कहा कि कई विभागों में ठेकेदार 10 वर्ष से भी अधिक समय से कार्य कर रहे हैं. कर्मचारियों को बिना किसी कारण अचानक निकाल रहे हैं. गुर्जर ने कहा कि विरोध प्रदर्शन में चिकित्सा, पंचायती राज, सचिवालय, जन स्वास्थ्य, ऊर्जा विभाग, आबकारी, कोष, स्वायत्त शासन, शिक्षा विभाग, कृषि एवं लेखा विभाग सहित राज्य के बोर्ड, निगम एवं आयोग के कर्मचारी शामिल हुए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details