वाराणसी:66782 स्कवायर मीटर एरिया, करीब 320 करोड़ रुपये की लागत और इंटरनेशनल लेवल के कोच की सुविधा, लेकिन खिलाड़ी गायब हैं. बनारस में पीएम मोदी के अति महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट संपूर्णानंद स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स के खुलने का सबको इंतजार है. वजह, ये कि अभी तक यही तय नहीं हुआ है कि काम्प्लेक्स का संचालन कौन करेगा.
पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अक्टूबर को अपने संसदीय क्षेत्र बनारस में थे. प्रधानमंत्री ने 6700 करोड़ रुपए की योजनाओं की सौगात दी, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण 320 करोड़ रुपए से तैयार सिगरा संपूर्णानंद स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स है. मार्च 2023 में इसके फर्स्ट फेज, 2024 में सेकंड और थर्ड फेज का उद्घाटन हुआ. कुल मिलाकर तीन फेज का काम पूरा हो चुका है. वैसे तो यह स्टेडियम मार्च 2024 में ही तैयार हो जाना था, लेकिन इसमें थोड़ी देरी हुई. इसके पूरा होने के बाद उम्मीद थी कि खेल प्रतिभाओं को अब इसमें तैयारी करने का मौका मिलेगा, लेकिन इंतजार बढ़ता ही जा रहा है. दो बार के उद्घाटन के बाद भी अब तक यह स्टेडियम खिलाड़ियों के लिए बंद है.
नाम बदलने का भी हुआ था विरोध:वाराणसी के संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम, जिसका वर्तमान नाम वाराणसी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स किया गया है. पहले इसका नाम बदला जा रहा था लेकिन विरोध के बाद ऐसा नहीं हुआ. 2022 में जब स्टेडियम के रेनोवेशन का काम शुरू हुआ तब यहां के खिलाड़ी और मॉर्निंग वॉकर्स को इधर-उधर रख करना पड़ा. कुछ खिलाड़ियों को लालपुर स्टेडियम में शिफ्ट किया गया तो कुछ ने अपनी प्रेक्टिस अलग-अलग पार्कों में शुरू कर दी. जब 2023 मार्च में प्रधानमंत्री ने लगभग 120 करोड़ रुपए से तैयार फर्स्ट फेज का उद्घाटन किया तो उम्मीद थी कि अब खिलाड़ियों को कुछ राहत मिलेगी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं और उद्घाटन के बाद भी स्टेडियम एक साल से ज्यादा वक्त तक बंद रहा. 20 अक्टूबर 2024 को पीएम मोदी ने इसके दूसरे और तीसरे फेज, जिसकी लागत लगभग 200 करोड़ रुपए है, का उद्घाटन कर दिया. इसके बाद भी इसमें खिलाड़ी नहीं जा पा रहे हैं.
स्टेडियम के संचालन की जिम्मेदारी किसकी:दरअसलइसके पीछे बड़ी वजह यह है कि इसका निर्माण स्मार्ट सिटी ने करवाया है. खेलो इंडिया योजना की भी इसमें सहभागिता है. यही वजह है कि स्टेडियम केसंचालन को लेकर अब तक जिम्मेदारी तय ही नहीं हो पाई है. पहले यह जिम्मा दिल्ली की एक एजेंसी को दिया जा रहा था, लेकिन लोकार्पण कार्यक्रम के दो दिन पहले स्पोर्ट्स विभाग कोहैंडोवर करने पर सहमति बनी. लेकिन यह अभी प्रस्ताव तक ही सीमित है. इसके बाद बात आगे नहीं बढ़ी है. इसके संचालन की जिम्मेदारी तय न होने के पीछे काम के अब तक फाइनल ना होने को भी वजह माना जा सकता है. क्योंकि इसके अभी कुछ हिस्सों का काम जारी है. गेट नंबर 1 के पास कंस्ट्रक्शन और मलबा अभी पड़ा हुआ है. एथलेटिक ट्रैक और कुछ स्पोर्ट्स उपकरण अब भी ग्राउंड में दिखाई दे रहे हैं, जो ऐसे ही पड़े हुए हैं. इनको इंस्टाल नहीं किया गया है.
स्टेडियम के पास इंटरनेशनल लेवल के कोच:इस बारे में रीजनल स्पोर्ट्स ऑफिसर विमला सिंह कहती हैं कि खिलाड़ी और आम लोग मांग कर रहे हैं कि दीपावली के पहले इसे शुरू कर दिया जाए. हमें यह हैंडोवर किया जाता है तो सबसे पहले स्विमिंग की शुरुआत होगी, क्योंकि इसके लगभग 22 खिलाड़ी इंतजार में हैं. इसके बाद बैडमिंटन, कुश्ती, जूडो और अन्य खेलों पर काम शुरू किया जाएगा. विमला सिंह का कहना है कि हमारे पास स्विमिंग, जूडो, बॉक्सिंग एथलीट और अन्य खेलों के कोच उपलब्ध हैं. इंटरनेशनल लेवल के कोच भी हैं. इसलिए काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. बताया कि मंडलायुक्त ने योजना बनाने के लिए कहा है. इस पर हमसे रिपोर्ट मांगी गई है, जिसे हम तैयार कर रहे हैं. विमला सिंह का कहना है कि उम्मीद है कि दीपावली के पहले खिलाड़ियों को इसका लाभ मिलने लगेगा, अगर यह हमें हैंडोवर हो जाता है.