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रोहिंग्या-बांग्लादेशी मुसलमानों को भारतीय बनाने का खेल, यूपी 3 जनसेवा केंद्रों से बने फर्जी प्रमाणपत्र - Fake Certificates

इन प्रमाण पत्रों में ज्यादातर बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों से जुड़े हुए हैं. जिनको भारतीय नागरिक बनाने का बड़ा खेल सलोन में चल रहा था. इस खेल में सलोन कस्बे के 3 मुस्लिम के नाम सामने आए जो जन सेवा केंद्र चलाते थे.

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रायबरेली के करोड़पति जनसेवा केंद्र संचालक. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 25, 2024, 3:20 PM IST

रायबरेली: करीब 6 महीने पहले केरल में आतंकवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसका पहचान पत्र रायबरेली के सलोन ब्लॉक के पाल्हीपुर गांव का था. इसकी पड़ताल जब एटीएस ने की तो यूपी के रायबरेली जनपद के सालोन कस्बे से एजेंसी ने 20 हजार फर्जी प्रमाण पत्र पकड़े थे.

इसके आगे की पड़ताल में पता चला है कि इन प्रमाण पत्रों में ज्यादातर बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों से जुड़े हुए हैं. जिनको भारतीय नागरिक बनाने का बड़ा खेल सलोन में चल रहा था. इस खेल में सलोन कस्बे के 3 मुस्लिम के नाम सामने आए जो जन सेवा केंद्र चलाते थे.

जांच में पता चला कि जन सेवा केंद्र संचालक जीशान खान, सोहेल और रियाज ने फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर मोटी कमाई की थी. इसी कमाई के दम पर इन्होंने रायबरेली व लखनऊ में करोड़ों रुपए की संपत्ति भी बनाई. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में सलोन के तार अब अन्य राज्यों कर्नाटक, केरल और मुंबई से जुड़ चुके हैं.

इस महीने कर्नाटक पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया ( पीएफआई ) के एक सदस्य को दबोचा था. उसका जन्म प्रमाण पत्र भी यही से बना था. जांच के लिए टीम रायबरेली पहुंची तो धीरे-धीरे मामला खुलने लगा. इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण योगदान सलोन के भाजपा विधायक अशोक कुमार कोरी का है.

भाजपा विधायक अशोक कुमार कोरी ने सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया था. शुरू में तो जिला प्रशासन ने मामले को दबाने की कोशिश की. लेकिन, जब ऊपरी स्तर पर शासन के द्वारा जांच एसटीएफ को सौंप दी गई तब यह मामला तूल पकड़ गया.

विधायक अशोक कुमार के अनुसार 19180 प्रमाण पत्र में से 810 प्रमाण पत्र ही भारतीयों के बने हैं. बाकी सब बांग्लादेश व अन्य जिलों के लोगों के बना दिए गए हैं. इस मामले में ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव की यूजर आईडी और पासवर्ड का प्रयोग करके सीएससी संचालक मोहम्मद जीशान रियाज और सोहेल खान ने फर्जी प्रमाण पत्र बनाए. इस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर सभी को जेल भेज दिया है.

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