यूपी में बाघों और हाथियों के संरक्षण पर जोर (वीडियो क्रेडिट- ईटीवी भारत) लखनऊ:प्रदेश में बाघों व हाथियों के संरक्षण को लेकर जारी विभिन्न परियोजनाओं को गति देने की तैयारी शुरू कर दी गई है. योगी सरकार ने बाघों और हाथियों के संरक्षण से जुड़े स्पेशल प्रोजेक्ट के लिए 5.31 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है.
प्रदेश के एक मात्र दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के साथ ही अन्य टाइगर रिजर्व और सेंचुरी आदि में संरक्षित वन्य जीवों का कुनबा बढ़ता दिखाई दे रहा है. यही नहीं वनों में पर्यटकों की संख्या बढ़ने के कारण रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं और सरकार की कमाई भी. यही कारण है कि सरकार अब वनों के संरक्षण और वन्य जीवों के रखरखाव आदि को लेकर अधिक सजग है.
पहले वनों में गर्मियों में जीवों को पीने के पानी का संकट हो जाता था, लेकिन अब सरकार सघन जंगलों में भी नलकूप लगाकर तालाबों और जल स्रोतों में पानी भराने का काम करती है. इस मद में सरकार ने हाल ही ने धनराशि जारी कर और प्रबंध करने के लिए कहा है. अब वनों में बाघों के साथ साथ गैंडों और अन्य वन्य जीवों का कुनबा बढ़ रहा है. पहले राष्ट्रीय उद्यान में जाने वाले लगभग दस फीसद लोगों को ही बाघ व अन्य बड़े जीव दिखाई देते थे, लेकिन अब यह अमूमन आधे लोगों को वन्य़जीव दिखाई देते हैं.
सरकार ने बाघों और हाथियों के संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट टाइगर एंड प्रोजेक्ट एलीफैंट की शुरुआत की है (फोटो क्रेडिट- ईटीवी भारत) उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा बाघों व हाथियों के संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट टाइगर एंड प्रोजेक्ट एलीफैंट की शुरुआत गई है. इस परियोजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के विभिन्न रिजर्व में तमाम नए कार्य कराए जा रहे हैं. प्रदेश में परियोजना के अंतर्गत विभिन्न स्तरों पर कार्य हो रहा है और इन्हीं कार्यों को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने केंद्र से प्राप्त सहायता को राज्यांश संग समाहित करते हुए धनराशि जारी कर दी है. वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक तथा विभागाध्यक्ष को इस विषय में शासनादेश जारी करके अवगत करा दिया गया है. परियोजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 5.31 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है.प्रदेश के वन्य क्षेत्रों के विकास के लिए योगी सरकार प्रदेश में बाघों व हाथियों समेत विभिन्न प्रकार के जीव-जंतुओं के संरक्षण को लेकर प्रयासरत है. सरकार टाइगर व एलिफेंट रिजर्व में जीव-जंतुओं के संरक्षण के साथ ही पर्यटन की संभावनाओं को भी चिह्नित कर विकसित कर रही है. सुखद यह है कि पर्यटन विकास के जरिए राजस्व में वृद्धि भी हो रही है. बाघ और हाथियों व अन्य संरक्षित जीव-जंतुओं को देखने के लिए वनों में पर्यटकों की तादाद लगातार बढ़ रही है. हाल ही में मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रदेश में बाघों और हाथियों के साथ ही अन्य वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर विभिन्न परियोजनाओं पर काम तेज हुआ है. बाघों के संरक्षण से जुड़े प्रोजेक्ट के लिए मिला फंड (फोटो क्रेडिट- ईटीवी भारत) परियोजना के अंतर्गत जो धनराशि अवमुक्त की गई है, उसका कई मदों में उपयोग होगा. आवंटित धनराशि के जरिए मशीनों, संयंत्रों व उपकरणों के क्रय तथा निर्माण कार्यों की पूर्ति का मार्ग प्रशस्त होगा. इसके अतिरिक्त, कार्यालय व्यय तथा मजदूरी समेत विभिन्न मदों में धनराशि का उपयोग हो सकेगा. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में रिजर्व फॉरेस्ट रीजंस के टूरिस्ट एरिया में तमाम प्रकार की पर्यटक सुविधाओं के विकास के कार्य तो जारी हैं ही, वहीं क्षेत्रों में वनों के कोर एरिया रीजंस में भी कुछ निर्माण कार्य जारी हैं. इनमें जलाशय निर्माण समेत जीवों के संरक्षण के उद्देश्य से विभिन्न कार्यों को पूर्ण किए जाने की प्रक्रिया जारी है और धन आवंटन के जरिए इन कार्यों की पूर्ति में तेजी आएगी. ये भी पढ़ें-बेटे की हार के बाद ओमप्रकाश राजभर का बड़ा एक्शन; सुभासपा की सभी ईकाइयां की भंग - Omprakash Rajbhar