नाम वापसी के आखिरी दिन कांग्रेस ने लिया यू टर्न जयपुर. लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए प्रदेश में नाम वापसी का आज अंतिम दिन है. इस दौरान 13 संसदीय क्षेत्र में प्रत्याशी मैदान में रहेंगे या फिर पीछे हटेंगे, इसकी तस्वीर शाम 3 बजे बाद साफ हो जाएगी. खास बात यह है कि बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के तहत भारतीय आदिवासी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इसके साथ ही बागीदौरा में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में भी कांग्रेस ने फैसला लिया है कि वह 'बाप' को समर्थन देंगे. इससे पहले कांग्रेस माकपा के साथ सीकर में और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के साथ नागौर में गठबंधन कर चुकी है.
सुखजिंदर रंधावा ने बताया कांग्रेस का फैसला : राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पार्टी के फैसले से सबको मुखातिब किया. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि भारत के संविधान और लोकतंत्र को बचाना हमारा प्राथमिक उद्देश्य है. इसलिए चुनाव में बीएपी प्रत्याशी का बांसवाड़ा संसदीय सीट और बागीदौरा के उपचुनाव में आईएनसी समर्थन करेगी. गौरतलब है कि बांसवाड़ा-डूंगरपुर संसदीय सीट के लिए प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारने के बाद नाम वापसी के ठीक एक दिन पहले रविवार देर रात को कांग्रेस ने नया दांव खेला और BAP को समर्थन दिया है. अब प्रदेश की इस आदिवासी बाहुल्य लोकसभा सीट पर बीएपी के प्रत्याशी राजकुमार रोत का सीधा मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीय से तय हो गया है.
कांग्रेस नेताओं ने किया था गठबंधन का विरोध : डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट और बागीदौरा की विधानसभा सीट पर कांग्रेस और बाप के बीच गठबंधन को लेकर स्थानीय कांग्रेस नेता सकते में हैं. स्थानीय स्तर पर इस गठबंधन को लेकर मुखालफत का रुख भी देखने को मिल सकता है. गौरतलब है कि इस सिलसिले में आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पिछले महीने पत्र लिखकर गठबंधन की अटकलों पर विराम लगाने की मांग की थी. पार्टी के चार विधायक खैरवाड़ा से दयाराम परमार, घाटोल से नानलाल निनामा, बांसवाड़ा से अर्जुन बामनिया और कुशलगढ़ से रमिला खड़िया ने इस गठबंधन को लेकर अपना विरोध जाहिर किया था. इस दौरान एआईसीसी सदस्य दिनेश खोड़निया और बांसवाड़ा के जिला अध्यक्ष रमेश पंड्या ने भी इन विधायकों की मांग का समर्थन किया था. वहीं डूंगरपुर से विधायक गणेश घोघरा भी इस गठबंधन का विरोध जता चुके हैं.
कांग्रेस नेता इससे पहले BAP से गठबंधन न करने के लिए लिखा था खत इसे भी पढ़ें :बांसवाड़ा से बामनिया की जगह डामोर ने क्यों भरा नामांकन? डोटासरा ने इस राज से उठाया पर्दा - Dotasra on nomination of Damor
राजकुमार रोत ने मांगा था सहयोग : कांग्रेस से गठबंधन को लेकर शुरुआती दौर में भारतीय आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोत और कांग्रेस नेताओं के बीच बात नहीं बन रही थी. राजस्थान में उदयपुर में भी बाप ने गठबंधन के तहत अपने दल से प्रत्याशी उतारने की मांग की थी. जिसे लेकर आखिरी समय तक कांग्रेस में मंथन का दौर जारी रहा था. हालांकि गठबंधन से पहले अपना पर्चा दाखिल कर चुके चौरासी से विधायक राजकुमार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए पोस्ट करते हुए इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से सहयोग मांगते हुए बीएपी को समर्थन देने की अपील की थी. इसके बाद से कयास लगाए रहे थे कि कांग्रेस आखिरी मौके पर इस सीट को लेकर अपनी रणनीति उजागर करेगी.