रांची: झारखंड कांग्रेस ने झारखंड की चुनावी रैली में दिये गये पीएम मोदी के भाषण को झूठ का पुलिंदा करार दिया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी निश्चित हार देखकर बौखला गये हैं, यही कारण है कि अब वह पहले से भी ज्यादा झूठ बोलने लगे हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह याद रखना चाहिए कि 2024 का लोकसभा चुनाव कोई सामान्य चुनाव नहीं है, बल्कि यह देश में लोकतंत्र और संविधान को बचाने का चुनाव है.
पीएम मोदी पर तंज
राजेश ठाकुर ने कहा कि उन्हें लगा था कि प्रधानमंत्री झारखंड आने से पहले अडानी-अंबानी पर छापेमारी कराएंगे, लेकिन वह सिर्फ इधर-उधर की बातें करने के लिए झारखंड आये हैं. आज प्रधानमंत्री बेरोजगारी, महंगाई, भुखमरी, भय और भ्रष्टाचार पर बात नहीं करते. प्रधानमंत्री जिन इलाकों में चुनावी सभा करने आये थे, वहां के सांसदों ने 10 साल में कोई काम नहीं किया. इस पर प्रधानमंत्री ने एक शब्द भी नहीं कहा.
राजेश ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी ने चतरा के सांसद को जनता के डर से बाहर का रास्ता दिखाया, लेकिन पलामू के सांसद में ऐसा क्या देखा कि उन्होंने उन्हें एक और मौका दिया, यह बात पीएम मोदी को बतानी चाहिए थी. यहां तक कि अपने चुनावी भाषण में पीएम मोदी अपने सांसदों द्वारा किए गए एक भी काम जनता को नहीं बता सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावी बांड, कोविशील्ड वैक्सीन के बारे में बात करनी चाहिए थी, लेकिन चंद पैसे के चंदे के लिए उन्होंने आम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ क्यों किया, इस पर वह चुप रहे.
उन्होंने कहा कि जब उनके नेता राहुल गांधी इस मुद्दे पर बात करते थे तो नरेंद्र मोदी उनका मजाक उड़ाते थे, लेकिन आज राहुल गांधी ने जो कहा वह सच साबित हो रहा है. जब हमारी झारखंड सरकार कोविड में जीवन और आजीविका दोनों पर काम कर रही थी, तब मोदी जी टीका लगवाने के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से दान ले रहे थे.
'भाजपा को मिल रहीं है 43 सीटें'
राजेश ठाकुर ने कहा कि अब तक हुई 283 सीटों की वोटिंग में शायद बीजेपी को सिर्फ 43 सीटें मिल रही हैं, इसलिए हताशा में पीएम मोदी एक बार फिर भारत-पाकिस्तान, श्मशान-कब्रिस्तान की बात करने लगे हैं. राजधानी में उनके विधायक टोपी पहनकर उरांव और महतो को अल्पसंख्यक बता रहे हैं और उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कर रहे हैं. जब प्रधानमंत्री पूरे देश को टोपी पहनाने निकले हैं तो यहां के नेताओं को टोपी पहनकर अल्पसंख्यक समुदाय घोषित कर क बीजेपी की सदस्यता दिलाने की क्या जरूरत है.