जयपुर : कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बजट से युवा, किसान, महिला, पिछड़े और उद्यमियों को निराशा के अलावा कुछ नहीं मिला है. इस बजट की विशेषता यह है कि बजट बनाने से पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सुझाव लिए, बजट को अंतिम रूप वित्त मंत्री दीया कुमारी ने दिया और विधानसभा में इसे पढ़ा. बजट भाषण समाप्त होने के बाद प्रेसवार्ता मुख्यमंत्री ने की और धन्यवाद ज्ञापित किया.
बजट को भ्रमित करने वाला बताया :कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में प्रेसवार्ता में डोटासरा ने कहा, यह बजट जनता को भ्रमित करने वाला है. केवल आंकड़ों का मायाजाल और शब्दों की हेरा-फेरी हुई है. यह बजट नई बोतल में पुराना शरबत मात्र है. उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में 150 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की है, जो पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की योजना को आगे बढ़ाने का दावा है, जबकि हकीकत यह है कि घरेलू उपभोक्ताओं को मिल रही छूट बंद होगी.
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डोटासरा ने कहा कि पीएम सूर्यघर योजना के तहत सोलर प्लांट लगाए जाएंगे. पहले सौर ऊर्जा के नाम पर उद्योगपतियों को जमीन आवंटित की गई थी, अब घरों में लगने वाले प्लांट की लागत पर 90% सब्सिडी भी सोलर प्लांट निर्माताओं को मिलेगी. इस योजना का लाभ प्रदेशवासियों को नहीं, बल्कि चुनिंदा उद्योगपतियों को मिलेगा, जबकि किसानों के घरेलू और कृषि कनेक्शनों पर निशुल्क बिजली दी जानी चाहिए. यह बजट पुराने बजट का कॉपी-पेस्ट है.
भर्तियों और रोजगार पर सवाल :उन्होंने कहा कि पुराने बजट में जो बातें दर्ज थीं, वही इस बजट में हैं. इसमें डीपीआर बनाने की बातें हैं और आमजन की गाढ़ी कमाई से बने इंफ्रास्ट्रक्चर को पीपीपी मोड पर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमेशा बजट में सरकारों ने मीसिंग लिंक सड़कों के लिए प्रावधान रखा है, लेकिन इस बजट में केवल मरम्मत के लिए नॉन पैचेबल सड़कों के निर्माण के लिए 10-10 करोड़ रुपए का और मरूस्थली जिलों में 15 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है.
भर्तियों के आंकड़ों में फेरबदल :भर्तियों के बारे में उन्होंने कहा कि 1.25 लाख नौकरियों का जादुई आंकड़ा घोषित किया गया है. मुख्यमंत्री पहले साल में कहते थे कि एक साल में एक लाख नौकरी देंगे, फिर दूसरे साल में 1.25 लाख की घोषणा की. इसका मतलब यह कि तीसरे बजट में 2.25 लाख नौकरियां मिल चुकी होंगी, जबकि वास्तविकता यह है कि पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा निकाली गई भर्तियों में से 47 हजार नौकरियों के नियुक्ति पत्र इस सरकार ने दिए हैं, जिनमें से 37 हजार को नियुक्ति मिली और दस हजार को केवल सलेक्शन लेटर मिले हैं.
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शिक्षकों की भर्ती पर चुप्पी :उन्होंने कहा कि 14 महीने बीतने के बाद भी सरकार एक भी सफाईकर्मी की भर्ती नहीं कर सकी, न ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती कर पाई. सरकार शिक्षकों की भर्ती भी नहीं कर पाई, जबकि शिक्षा विभाग में 1.25 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं और इन पदों को भरने की कोई घोषणा नहीं की गई है. प्रधानमंत्री मोदी के वादे पर उन्होंने कहा कि चुनाव में प्रधानमंत्री ने हरियाणा के बराबर पेट्रोल-डीजल के दाम करने का वादा किया था, लेकिन दूसरी बार बजट पेश करने के बाद भी यह वादा पूरा नहीं किया गया. राजस्थान में पेट्रोल-डीजल हरियाणा के मुकाबले 10 रुपए महंगे बिक रहे हैं.
जल परियोजनाओं पर आलोचना :सामाजिक सुरक्षा पेंशन के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन हर साल 15% बढ़ाने का प्रावधान किया था, लेकिन इस साल महज 5% वृद्धि की गई है. आंगनबाड़ी केंद्रों पर दूध के लिए पिछले बजट में 50-55 करोड़ रुपए का प्रावधान होने के बावजूद पैसा खर्च नहीं किया गया. जल परियोजनाओं के नाम पर उन्होंने कहा कि यमुना जल बंटवारे के नाम पर सबसे बड़ा छलावा राजस्थान और शेखावाटी की जनता के साथ किया जा रहा है. एक शब्द भी इसे लेकर बजट में नहीं है. उन्होंने कहा कि ईआरसीपी योजना का नाम बदलकर अब रामसेतु जल परियोजना किया गया है, जिसके लिए 9300 करोड़ रुपए की घोषणा की गई है. इससे केवल झालावाड़, भरतपुर और अलवर में काम होंगे, बाकी जिलों का क्या होगा, इसका जवाब मुख्यमंत्री से विधानसभा में मांगा जाएगा.
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पिछले बजट की घोषणाओं की स्थिति :अंत में उन्होंने कहा कि पिछले बजट की घोषणाओं की 40% भी क्रियान्विति नहीं हुई है. जयपुर के झालाना में फॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट नहीं बना, ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे और कोटपूतली के लिए घोषणा हुई थी, लेकिन उसकी डीपीआर तक नहीं बनी. खाटू श्याम मंदिर कॉरिडोर के लिए 100 करोड़ की घोषणा हुई थी, लेकिन न तो डीपीआर बनी और न ही कोई काम हुआ.