पटना:लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम ने बिहार में नई राजनीतिक तस्वीर पेश की है. महागठबंधन को बिहार में नौ सीटों पर जीत हासिल हुई. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को चार सीटों पर जीत मिली है, जबकि कांग्रेस ने तीन सीटों पर फतह हासिल की है. इसके अलावा दो सीटें सीपीआई(एमएल) के खाते में गई हैं. एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव चुनाव जीते. जीत के बाद पप्पू यादव कांग्रेस पार्टी का झंडा लहराते दिखे.
दवाब में कांग्रेस की राजनीतिः कांग्रेस पार्टी की मजबूत उपस्थिति महागठबंधन की सियासत की धारा को बदल सकती है. कांग्रेस ने संकेत दिए थे कि अब वह लालू प्रसाद यादव के दबाव में राजनीति करने को राजी नहीं है. लंबे अरसे के बाद बिहार में तीन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस पार्टी को जीत मिली है. कांग्रेस ने कटिहार, सासाराम और किशनगंज सीटों पर जीत हासिल की है. कटिहार से तारिक अनवर, किशनगंज से मोहम्मद जावेद और सासाराम से मनोज कुमार ने जीत दर्ज की है. इसके अलावा पप्पू यादव भी कांग्रेस के खाते में माने जा रहे हैं.
20 साल बाद कांग्रेस के प्रदर्शन में सुधारः बिहार में कांग्रेस का 2004 के बाद सबसे शानदार प्रदर्शन है. 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को चार सीटों पर जीत मिली थी. इस बार तीन सीटें कांग्रेस के खाते में आई हैं. लालू प्रसाद यादव ने 23 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जिसमें चार को जीत मिली है. कांग्रेस ने 9 उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें तीन को जीत मिली है. पप्पू यादव को मिलाकर यह संख्या चार हो जाती है.
मुसलमानों की बीच बन रही पैठः मुस्लिम उम्मीदवारों की बात करें तो कांग्रेस और राजद दोनों ने दो-दो उम्मीदवार उतारे थे. राजद के दोनों उम्मीदवार, मधुबनी से अली अशरफ फातमी और अररिया से शाहनवाज आलम, चुनाव हार गए. जबकि कांग्रेस के दोनों अल्पसंख्यक नेता तारिक अनवर और मोहम्मद जावेद चुनाव जीत गए. इससे संकेत मिलता है कि कोसी और सीमांचल के इलाकों में कांग्रेस की स्थिति मजबूत हुई है. मुसलमानों की बीच उनकी पैठ बन रही है.
तेजस्वी नहीं हरा पाए पप्पू कोः तेजस्वी यादव ने पूर्णिया में पांच दिन कैंप किया, लेकिन अपने प्रत्याशी को नहीं जिता पाए. मुस्लिम और यादव वोटों का अधिकांश हिस्सा पप्पू यादव ले गए. वह चुनाव जीत गए. कुल मिलाकर, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने राजद की बराबरी कर ली है. राजद को जहां चार लोकसभा सीटों पर जीत मिली है, वहीं कांग्रेस के खाते में भी चार सीटें हैं, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पप्पू यादव कांग्रेस के साथ हैं और कांग्रेस पार्टी ने उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है.