रांची: चंपई सोरेन सरकार के कैबिनेट विस्तार से पहले कांग्रेस आलाकमान के हस्तक्षेप से नाराज 12 विधायकों को फौरी तौर पर मना तो लिया गया है, लेकिन सर्किट हाउस के कमरा नंबर 107 में जो पॉलिटिकल ड्रामा करीब तीन घंटे तक चला वह कम से कम कांग्रेस के लिए शुभसंकेत नहीं है. मान मनौव्वल के बाद राजभवन शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने को तैयार हुए कांग्रेस विधायकों ने बार बार एक ही बात दोहराई कि वह प्रदेश प्रभारी के आग्रह पर राजभवन जाने को तैयार हुए हैं.
सर्किट हाउस के कमरा नंबर 107 से निकले प्रदेश प्रभारी और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम अहमद मीर ने कहा कि विधायकों ने जो कंसर्न और ग्रीवांस के बारे में बताया वह किसी का व्यक्तिगत मामला नहीं था. ये सभी जनप्रतिनिधि हैं और इन्हें जनता के बीच जाना होता है, ऐसे में इनकी बातें आलाकमान तक पहुंचाई गयी हैं.
12 नाराज कांग्रेसी विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र भेजा गया है आलाकमान को-अनूप सिंह
सर्किट हाउस के कमरा नंबर 107 से राजभवन के लिए निकले अनूप सिंह ने कहा कि हम लोगों को आलाकमान की ओर से आश्वासन मिला है और प्रभारी गुलाम अहमद मीर की आग्रह पर राजभवन जा रहे हैं.
आलाकमान ने दिल्ली बुलाया है- इरफान अंसारी
नाराज विधायक डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि हम लोगों को दिल्ली बुलाया गया है. वहां आलाकमान से बातचीत के बाद ठोस बातें मीडिया को बताएंगे. इशारों इशारों में इरफान अंसारी ने कहा कि जो विधायक मंत्री बन रहे हैं वह भविष्य में बड़ा दिल दिखाएंगे इसकी उम्मीद है. उन्होंने कहा कि झामुमो भी बड़ा भाई है उसे 12 वां मंत्रीपद कांग्रेस को देना चाहिए था.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, जैसे ही कांग्रेस के 12 विधायकों को यह पता चला कि कांग्रेस कोटे से मंत्रियों का चेहरा नहीं बदला जा रहा है. एक-एक कर सभी नाराज विधायक सर्किट हाउस के कमरा नंबर 107 में पहुंच गए और विरोध की आवाज बुलंद कर दी. 17 में से 12 विधायकों के एकजुटता और राजभवन नहीं जाने के एलान के बाद प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम सर्किट हाउस पहुंचे और विधायकों को मनाने का प्रयास शुरू हुआ.