भोपाल। राजनीति में दलबदल कोई बड़ी बात नहीं. नेता कभी क्षेत्र के विकास तो कभी निजी स्वार्थ के लिए पार्टियां बदलते रहे हैं. 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने 22 मंत्री विधायकों के साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे भाजपा में शामिल हो गए और भारतीय जनता पार्टी की सरकार दोबारा बनवाई. यह बात राजनीति के इतिहास में दर्ज हो चुकी है लेकिन क्या आप जानते हैं कि कांग्रेस का एक ऐसा भी नेता है, जिसने बीजेपी को जिताने के लिए कसम खाई थी और अब भारतीय जनता पार्टी के राज में उन्हें मंत्री बनाया गया है
कांग्रेस का वरिष्ठ विधायक बीजेपी सरकार में मंत्री
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत अब बीजेपी के राज में मंत्री बन गए हैं लेकिन रावत को मंत्री बनाने की कहानी 2024 के लोकसभा के दौरान ही लिखी जा चुकी थी. क्योंकि जनता के बदले मूड से मुरैना व शिवपुरी लोकसभा सीट पर बीजेपी की हालत खस्ता थी. श्योपुर क्षेत्र से आने वाले रामनिवास रावत बड़े नेता हैं और मीणा समाज में अपना निर्णायक व्यक्तित्व रखते हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया.
इस वजह से रावत को पार्टी में लायी थी बीजेपी
विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बीजेपी बना चुकी थी. अतिरिक्त विधायकों की जरूरत नहीं थी. ऐसे में रामनिवास रावत को बीजेपी में शामिल करके भारतीय जनता पार्टी को क्या फायदा मिलता ? जिसका जवाब लोकसभा चुनाव के नतीजे ने दिया. बताया जाता है कि जब लोकसभा चुनाव का दौर आया तो सर्वे में मुरैना लोकसभा सीट पर बीजेपी को जीत के लिए 2-2.5 लाख वोटों की कमी का पता चला. यहां भारतीय जनता पार्टी की दम फूलने लगा. ऐसे में बीजेपी के लिए रामनिवास रावत संजीवनी बूटी की तरह सामने आए.
'लोकसभा सीट जिताओ, मंत्री पद पाओ' का मिला था ऑफर
भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल किया. साथ ही उन्हें यह ऑफर दिया कि अगर वे मुरैना व शिवपुरी लोकसभा सीट जिता देते हैं तो उन्हें बीजेपी सरकार प्रदेश में मंत्री बनाएगी. इसके बाद रामनिवास रावत ने भी यह शपथ ली थी कि वह जब तक मुरैना व शिवपुरी लोकसभा सीट बीजेपी को नहीं देंगे, तब तक भोपाल में कदम नहीं रखेंगे.