लखनऊ: लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने कोर हिन्दू वोट बैंक के साथ पसमांदा मुसलमानों को जोड़ने के लिए काफी अभियान चलाया था. पर चुनाव में बीजेपी को पसमांदा समाज का वोट उम्मीद के अनुसार नहीं मिला. अब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस जाति आधारित जनगणन और आरक्षण के मुद्दे को लेकर पसमांदा मुसलमानों में पैठ बनाने के लिए विशेष अभियान चलाएगी.
उससे पहले पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर 26 जुलाई को राष्ट्रीय भागीदारी दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग द्वारा किया जा रहा है. इसके अलावा ओबीसी और अनुसूचित समाज जैसे पासी, मल्लाह समाज के लोगों को जोड़ने के लिए पिछड़ा वर्ग कांग्रेस और फिशरमैन कांग्रेस भी समाज के बड़े नेताओं को इस बैठक में बुलाया जाएगा.
यूपी में कितने हैं पसमांदा मुस्लिम:कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने बताया कि पिछड़ों और वंचित समाज के युवाओं को नौकरी में आरक्षण दिलाने के लिए जरूरी है कि जाति आधारित जनगणना हो. इसके लिए लोगों को जागरूक करने का काम शुरू किया जा रहा है. नौकरियों में बाकी समाज के लोगों के लिए आरक्षण की क्या नियमावली है, यह तो स्पष्ट है पर अल्पसंख्यकों में विशेष कर इसको लेकर जागरूकता नहीं है. देश में जो मुस्लिम समाज है उसमें उसकी आबादी का 85% मुसलमान पसमांदा (ओबीसी) समाज से आता है. पर उनमें अपने अधिकारों को लेकर ज्यादा जागरूकता नहीं है.
26 जुलाई को राष्ट्रीय भागीदारी दिवस के अवसर पर अल्पसंख्यक कांग्रेस, पिछड़ा वर्ग कांग्रेस और फिशरमैन कांग्रेस मिलकर अपने-अपने समाज के लोगों को आरक्षण जाति का जनगणना जैसे मुद्दों पर जागरूक करने का अभियान शुरू करने जा रही है. इसलिए इस दिन इन सभी समाज के बड़े नेताओं को पार्टी कार्यालय में बुलाकर हमारे नेता राहुल गांधी के विचारों और योजनाओं के बारे में बताया जाएगा.