अंबाला :हरियाणा में बागियों के खिलाफ कांग्रेस अब कार्रवाई करती हुई नज़र आ रही है. अंबाला कैंट से टिकट ना मिलने से कांग्रेस से बगावत करने वाली चित्रा सरवारा को कांग्रेस ने आखिकार पार्टी से निकाल दिया है.
चित्रा सरवारा कांग्रेस से निष्कासित :आपको बता दें कि अपने पिता के साथ आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस के टिकट का सपना देख रही चित्रा सरवारा को उस वक्त तगड़ा झटका लगा था जब कांग्रेस ने उनकी बजाय अंबाला कैंट से परविंदर परी को अपना उम्मीदवार घोषित कर डाला था. इसके फौरन बाद चित्रा सरवारा ने बगावती तेवर अपना लिए और समर्थकों के साथ जाकर गाजे-बाजे के साथ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन तक दाखिल कर डाला था. तभी से माना जा रहा था कि कांग्रेस उनके खिलाफ आगे कुछ सख्त रुख अपना सकती है.
शिकायतों के बाद कार्रवाई :दिलचस्प बात ये हैं कि चित्रा सरवारा अंबाला सिटी से कांग्रेस कैंडिडेट निर्मल सिंह की बेटी हैं. कांग्रेस ने उनके पिता को तो टिकट दे दिया लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया, जबकि वे काफी अरसे से चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटी हुई थी. आपको जानकारी के लिए बता दें कि बीजेपी ने हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को अंबाला कैंट से उम्मीदवार बनाया है जिसके बाद इसे बीजेपी-कांग्रेस और चित्रा सरवारा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा था लेकिन निर्दलीय चित्रा के चलते कांग्रेस के वोटों को खासा डैमेज पहुंचने की आशंका जताई जा रही थी. हालांकि पार्टी ने आज सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. निष्कासन के पत्र में कहा गया है कि उन्हें अंबाला कैंट में कांग्रेस कैंडिडेट और कार्यकर्ताओं की शिकायतों के आधार पर पार्टी से निकाला गया है.
"अंबाला की बेटी, अंबाला का विश्वास" :आपको बता दें कि चित्रा सरवारा अंबाला की बेटी, अंबाला का विश्वास के स्लोगन पर चुनावी कैंपेन चला रही हैं और उनका चुनाव चिन्ह सीटी है.