जयपुर.प्रदेश में लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. अब राजस्थान की 25 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों समेत राजनीतिक दलों और नेताओं को 4 जून का इंतजार है. कुल 7 चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अंतिम चरण का मतदान 1 जून को संपन्न होगा, लेकिन इससे पहले कयासों, अटकलों के साथ विभिन्न पार्टियों की जीत को लेकर बाजार गर्म है. इस बीच प्रदेश में पिछली बार की तुलना में कम हुए मतदान ने सियासी समीकरण को हवा दे दी है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेता जीत के दावे करते हुए अपना अपना गणित बता रहे हैं. भाजपा नेता जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी पर मुहर लगने की बात कह रहे हैं, वहीं कांग्रेस नेता कम मतदान को अपने पक्ष में बताकर 10 साल बाद कमबैक की उम्मीद लगा रहे हैं. नेताओं के दावों के बीच भाजपा ने चुनाव सम्पन्न होने के बाद केंद्रीय नेतृत्व को तीसरी बार 25 की सीटें जीतने की रिपोर्ट भेजी है.
हैट्रिक की रिपोर्ट :राजस्थान में पहले चरण में 12 सीटों और दूसरे चरण में 13 सीटों पर चुनाव हुए. पिछले चुनाव वर्ष 2019 की तुलना में कुल मिलाकर राज्य की 25 सीटों पर 4.54 प्रतिशत कम मतदान हुआ. इस कम मतदान को लेकर भाजपा ने अपने केंद्रीय नेतृत्व को रिपोर्ट भेजा है कि पार्टी का मार्जिन घट सकता है, लेकिन नुकसान नहीं होगा. सभी 25 सीटें भाजपा जीतेगी. केंद्रीय नेतृत्व को भेजी गई आंतरिक रिपोर्ट में भाजपा ने करीब एक दर्जन सीटों को कमजोर मानते हुए जीतन के मार्जिन में कमी मानी है, लेकिन इन पर जीत की रिपोर्ट दी गई है. सूत्रों की मानें तो दौसा, सवाई माधोपुर, झुंझुनू, कोटा, भरतपुर, सीकर, बाड़मेर, बांसवाड़ा, धौलपुर, चूरू, जयपुर ग्रामीण सहित करीब एक दर्जन सीटें ऐसी हैं, जहां पिछली बार की तुलना में जीत का मार्जिन कम रह सकता है. भाजपा का तर्क है कि कांग्रेस के कार्यकर्ता उदासीन रहे और वोट डलवाने नहीं निकले, भाजपा कार्यकर्ताओं ने वोट डलवाए.