नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव को संपन्न हुए एक महीने से अधिक समय बीत चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार काम कर रही है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की हार के कारणों को लेकर मंथन कर रही है. दिल्ली में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशियों की करारी हार हुई थी. पार्टी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपी है. उसके मुताबिक कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार उदित राज, जयप्रकाश अग्रवाल और कन्हैया कुमार की हार के लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया गया है.
उत्तर पश्चिमी दिल्ली से कांग्रेस प्रत्याशी उदित राज ने हार की समीक्षा के लिए सौंपी गई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए इसका ठीकरा आम आदमी पार्टी पर फोड़ा है. उदित राज का कहना है कि शुरुआत से ही दिल्ली की सातों लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर तरह-तरह की बातें हुईं. अंत में इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया.
ये भी पढ़ें:लोकसभा चुनाव : राहुल गांधी 18 मई को दिल्ली कांग्रेस अभियान की करेंगे शुरुआत
शुरू में सब कुछ अच्छा लगा, लेकिन जैसे ही चुनाव नजदीक आया, कांग्रेस प्रत्याशी जिन सीटों से चुनाव लड़ रहे थे वहां से आम आदमी पार्टी के स्थानीय विधायकों ने आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस प्रत्याशियों को वोट दिलाने में सहयोग नहीं किया. AAP विधायकों ने अपने कार्यकर्ताओं और वोटरों से कांग्रेस को वोट देने की अपील नहीं की.
उदित राज ने कहा कि चुनाव के दौरान भाजपा ने जो आंतरिक सर्वे कराया था उसमें उत्तर पश्चिमी लोकसभा सीट में कांग्रेस की जीत की बात सामने आई थी. लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी उम्मीदवार रहे उदित राज, जेपी अग्रवाल और कन्हैया कुमार का चुनाव अच्छा चल रहा था, अंतिम समय में खेल बिगड़ गया. इन तीनों नेताओं ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को यह भी बताया है कि चुनाव प्रचार के दौरान आप के नेता दिखावे के लिए साथ थे.
लेकिन क्षेत्र में आम आदमी पार्टी ने उनका समर्थन नहीं किया. फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस कैडर के साथ आम आदमी पार्टी का व्यवहार अच्छा नहीं रहा.
बता दें कि दिल्ली की सातों लोकसभा सीट पर बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए इस बार आम आदमी पार्टी ने चार और कांग्रेस ने तीन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. चुनाव गठबंधन में मिलकर लड़ने का फैसला लिया था. इसी के तहत कांग्रेस को दिल्ली की एकमात्र सुरक्षित सीट उत्तर पश्चिमी दिल्ली और सामान्य सीट चांदनी चौक और उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट दी गई. पार्टी ने अपने पुराने नेता पर भरोसा जताते हुए मैदान में कन्हैया कुमार को उत्तर पूर्वी दिल्ली से चुनाव मैदान में उतारा. लेकिन कांग्रेस के तीनों ही प्रत्याशियों को बीजेपी प्रत्याशियों से भारी मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा. हार की समीक्षा के लिए पार्टी ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया था.
ये भी पढ़ें: चंडीगढ़ का मेयर चुनाव कांग्रेस-आप लड़ेंगी साथ, राघव चड्ढ़ा ने किया INDIA गठबंधन की जीत का दावा