लोहरदगा:अब तक कांग्रेस और झामुमो ने लोहरदगा लोकसभा सीट के लिए प्रत्याशी के नाम का खुलासा नहीं किया है. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर राज्यसभा सांसद समीर उरांव को चुनाव मैदान में उतारा है. बताते चलें कि लोहरदगा लोकसभा सीट से कांग्रेस की ओर से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और लोहरदगा के पूर्व विधायक सुखदेव भगत, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से बिशनपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक चमरा लिंडा के नाम की चर्चा है. हालांकि इसकी अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. वहीं अब तक इंडिया महागठबंधन की ओर से लोहरदगा लोकसभा सीट से प्रत्याशी के लिए किसी के नाम की घोषणा नहीं होने से सबकी नींद उड़ी हुई है.
क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखते हैं चमरा लिंडा
लोहरदगा लोकसभा सीट के लिए चमरा लिंडा का नाम इस वजह से भी बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि चमरा लिंडा आदिवासियों के बीच मजबूत और काफी लोकप्रिय नाम हैं. चमरा लिंडा इस क्षेत्र में काफी सक्रिय रहे हैं. आदिवासी समाज विशेष तौर पर सरना समाज के बीच उनकी मजबूत पड़क के कारण ही उन्हें स्थानीय नेता के रूप में सबसे बेहतर माना जाता है.
लोहरदगा सीट से पहले भी लोकसभा चुनाव लड़े चुके हैं चमरा
बताते चलें कि चमरा लिंडा ने कई बार लोहरदगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा है. सबसे पहले हम बात करते हैं साल 2009 के चुनाव की. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सुदर्शन भगत 14.73 प्रतिशत वोट लाकर जीत दर्ज की थी. वहीं 2009 में स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में चमरा लिंडा चुनाव मैदान में थे और उन्हें 13.89 प्रतिशत वोट मिले थे. इसमें एक और महत्वपूर्ण बात है कि कांग्रेस पार्टी के डॉ रामेश्वर उरांव 2009 के चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे. उन्हें मात्र 13.02 प्रतिशत वोट मिले थे. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में लोहरदगा से भाजपा के सुदर्शन भगत ने 20.25 प्रतिशत वोट लाकर जीत दर्ज की थी, जबकि दूसरे पोजीशन पर कांग्रेस पार्टी के डॉ रामेश्वर उरांव 19.67 प्रतिशत वोट के साथ चुनाव हार गए थे. वहीं ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चमरा लिंडा ने चुनाव लड़ा था और उन्हें 10.58 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में चमरा लिंडा चुनाव मैदान में नहीं थे.
लोहरदगा लोकसभा सीट पर चमरा की दावेदारी की चर्चा