ऋषिकेश: अल्मोड़ा के सल्ट क्षेत्र के मार्चूला में हुए बस हादसे में कई परिवार बिखर गए. 36 लोगों को अभी तक अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. जबकि 27 लोग अभी भी मौत से जिंदगी के लिए जंग लड़ रहे हैं. घायलों के स्वास्थ्य में जल्द से जल्द सुधार के लिए ईश्वर से दुआ की जा रही है. 7 घायलों को एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश में उपचार दिया जा रहा है. सभी सातों की हालत गंभीर है. इनमें से दो घायल आईसीयू में हैं. इन सातों घायलों में पौड़ी गढ़वाल की एक तीन साल की शिवानी रावत भी है, जिसने इस हादसे में अपने मां-पिता दोनों को खो दिया है.
एम्स ऋषिकेश के नोडल अधिकारी डॉ. मधुर का कहना है कि हादसे के बाद एम्स में लाए गए सभी सात मरीज गंभीर थे. लेकिन करीब 24 घंटे बाद उनकी हालत पॉजिटिव है. हालांकि यह कहना संभव नहीं है कि वे खतरे से बाहर हैं. तीन साल की शिवानी भी स्टेबल है. उसके चेस्ट पर चोटें हैं. 3 से 5 दिन में ये चोटें ठीक होती हैं. इसलिए ध्यान रखा जा रहा है कि इन चोटों से कोई ज्यादा खतरा न बढ़े. सभी मरीजों का समुचित इलाज चल रहा है. आज भी 4 अन्य मरीजों को एम्स ऋषिकेश लाया गया है.
4 मरीजों को किया गया एम्स ऋषिकेश रेफर: वहीं, हल्द्वानी सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी के मुताबिक बस हादसे में 9 घायलों का उपचार हल्द्वानी की सुशीला तिवारी अस्पताल में जारी है. जिनमें से तीन घायल गंभीर हालत में हैं. जिनको प्रशासन द्वारा एम्स ऋषिकेश भिजवाया गया है. इसके अलावा मंगलवार को जिला प्रशासन ने एम्स ऋषिकेश द्वारा शुरू की गई हेली एंबुलेंस सेवा के माध्यम से गंभीर रूप से घायल एक यात्री भारत सिंह को एम्स ऋषिकेश शिफ्ट किया.