लखनऊ: उत्तर प्रदेश में संघ कार्य विस्तार का लक्ष्य अधूरा है, जिसकी वजह से लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदर्शन पर असर पड़ा है. माना जा रहा है कि इसकी वजह से मतदान प्रतिशत को संघ अपने विचारधारा के लोगों के बीच नहीं बढ़ा सका है. जिसकी चिंता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भीतर है.
उत्तर प्रदेश के प्रचारकों की बैठक में इस बात की चिंता महसूस की जा रही है. बैठक बुधवार को निराला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में शुरू हुई है. सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले बुधवार की सुबह लखनऊ पहुंच गए. कुटुंब प्रबोधन और ऐसे अन्य मुद्दों पर इस बैठक में बातचीत की जाएगी.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूर्ण करने जा रहा है. आगामी विजयादशमी 2025 से संघ का शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है लेकिन अभी भी पूर्वी उत्तर प्रदेश में संघ कार्य विस्तार का लक्ष्य अधूरा है. वर्ष 2022 में प्रयागराज में कार्यकारी मण्डल की बैठक हुई थी.
कार्यकारी मण्डल की बैठक में संघ कार्य को मण्डल स्तर तक पहुंचाने का लक्ष्य लिया गया था लेकिन, पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रान्तों में अभी मण्डल स्तर तक संघ का कार्य नहीं पहुंचा है. इसको लेकर संघ का शीर्ष नेतृत्व भी चिंतित है क्योंकि मण्डलस्तर तक शाखा नहीं होने के कारण संघ के लाख प्रयास के बावजूद मत प्रतिशत भी नहीं बढ़ा और लोकसभा चुनाव में अपेक्षित परिणाम भी नहीं मिले.
लोकसभा चुनाव में संघ ने लोकमत परिष्कार का कार्य किया था. संघ को प्रत्येक लोकसभा में 10 दस हजार ड्राइंग रूम संगोष्ठी करनी थी. पूर्वांचल में मण्डल स्तर तक कार्य न होने के कारण यह बैठकें नहीं हो सकी. लखनऊ व काशी जैसे महानगर में भी मत प्रतिशत कम रहा. मत प्रतिशत व चुनाव परिणाम की दृष्टि से देखें तो सबसे खराब स्थिति काशी प्रान्त की रही है. गोरक्ष प्रान्त की स्थिति अच्छी रही है.