बालोद:डौंडीलोहारा नगर पंचायत में चल रहे विकास कार्यों में भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगा है. टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने वाले ठेकेदारों का कहना है कि चहेतों को काम दिलाने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाई गई. दस्तावेजों में फेरबदल कर नियमों को ताक पर रखा गया. निविदा प्रक्रिया में शामिल ठेकेदारों का ये भी आरोप है कि कथित रुप से राजहरा नगरीय निकाय में बड़ा भ्रष्टाचार किया गया. सांसद भोजराज नाग ने कहा है कि अगर गलत हुआ है तो कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. स्थानीय विधायक कुंवर सिंह निषाद ने भी शिकायत पर कार्रवाई की मांग की है.
कथित भ्रष्टाचार और टेंडर प्रक्रिया पर सवाल: टेंडर भरने वाले ठेकेदारों का ये भी आरोप है कि अपनी पंसद के ठेकेदार को काम दिलाने के लिए सारी गड़बड़ी की गई. कांट्रेक्टर एसोसिएशन के सदस्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि अपने चहेते ठेकेदारों को मनमाने तरीके से टेंडर भरवाया गया. ठेकेदारों के विरोध पर बीजेपी नेता सौरभ लूनिया ने कहा कि नगर पंचायत में कांग्रेसी करण किया जा रहा है. इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. स्थानीय विधायक ने भी खास ठेकेदार को ठेका दिलाने की कोशिश का विरोध किया.
टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप (ETV Bharat)
अपने लोगों को टेंडर दिलाने के लिए सारी गड़बडि़यां की जा रही हैं. नियमों को ताक पर रखकर काम किया जा रहा है.:रजत भंसाली, कांट्रेक्टर एसोसिएशन
चुने हुए लोगों को टेंडर दिलाने का काम किया जा रहा है. टेंडर दिलाने के लिए इस तरह की धोखाधड़ी की जा रही है. :प्रकाश शर्मा, कांट्रेक्टर एसोसिएशन
नगर पंचायत का कांग्रेसी करण करने की कोशिश की जा रही है. इस तरह की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. :सौरभ लूनिया, भाजपा नेता
जो भी गड़बड़ी की शिकायत है उसकी जांच की जानी चाहिए. :कुंवर सिंह निषाद, विधायक
अच्छा काम करने वालों को हम सम्मानित करेंगे और जो बुरा और गलत काम करेगा उसपर कार्रवाई की जाएगी. :भोजराज नाग. सांसद बीजेपी
कलेक्टर ने गठित की जांच समिति: टेंडर में हुई लापरवाही की शिकायत एसोसिएशन ने कलेक्टर से की है. कलेक्टर ने टेंडर प्रक्रिया की जांच के लिए समिति का गठन कर दिया है. जांच समिति में एसडीएम शिवनाथ बघेल, सहायक कोषालय अधिकारी नेमेंद्र देशमुख और जिला व्यापार एवं उद्योग विभाग के महा प्रबंधक गोपाल राव शामिल हैं. शिकायत करने वाले ठेकेदारों का कहना था कि बेवजह की कमियां बताकर हमारे फर्म का टेंडर रिजेक्ट कर दिया जाता है. नाराज ठेकेदारों का कहना था कि वो अपने पूरे दस्तावेज जमा करते हैं बावजूद इसके कमियां निकालकर उनको बाहर कर दिया जाता है.