नई दिल्ली/नोएडा: कोहरे के चलते हाईवे पर होने वाले हादसों पर विराम लगाने के उद्देश्य से नोएडा RTO विभाग सख्त हो गया है. विभाग के मुताबिक जिन कमर्शियल वाहनों पर रिफ्लेक्टर नहीं होगा. उस गाड़ी का आरटीओ विभाग में फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा. यह जानकारी नोएडा के एआरटीओ डॉक्टर सियाराम वर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताई.
उन्होंने बताया कि हाईवे पर अक्सर गाड़ियों में रिफ्लेक्टर ना होने के चलते पीछे से आने वाली गाड़ियों को विजिबिलिटी कम होने पर दिखाई नहीं देता है, और दुर्घटनाएं हो जाती है. ऐसी स्थितियों में कमर्शियल वाहन पर रिफ्लेक्टर होना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि नोएडा से ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा से नोएडा आने वाले हाईवे और सभी एक्सप्रेसवे पर आरटीओ विभाग की टीम द्वारा विशेष अभियान रिफ्लेक्टर को लेकर चलाया गया है. वही ट्रैफिक विभाग और एक्सप्रेसवे प्रबंधन से समन्वय स्थापित कर गाड़ियों की रफ्तार पर भी अंकुश लगाने का काम किया जा रहा है.
गाड़ियों पर रिफ्लेक्टर नहीं तो फिटनेस नहीं-ARTO
सभी कमर्शियल वाहन का एक निर्धारित समय पर फिटनेस किया जाता है, तभी वह रोड पर चल सकती है, बिना फिटनेस की गाड़ियों को रोड पर चलाना एक तरह से क्राइम माना जाता है. ऐसी स्थिति में वाहन स्वामी द्वारा आरटीओ विभाग से गाड़ियों का फिटनेस समय-समय पर कराया जाता है. वहीं आरटीओ विभाग ने सभी कमर्शियल वाहनों पर रिफ्लेक्टर और फोग लाइट होना अनिवार्य किया है.
एआरटीओ डॉक्टर सियाराम वर्मा ने बताया कि जिस टीम द्वारा फिटनेस का काम किया जाता है, उसे यह निर्देश दिया गया है कि जिन गाड़ियों पर रिफ्लेक्टर नही लगे हैं, उनके फिटनेस नहीं करना है. साथ ही ऐसी गाड़ियां अगर एक्सप्रेस वे या हाईवे पर पाई जाती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. उन्होंने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे पर आए दिन हादसे होते हैं, जिसमें ज्यादातर कमर्शियल वाहनों की गलती देखी जा रही है, ऐसी स्थिति में कमर्शियल वाहनों पर शिकंजा कसना अत्यंत आवश्यक है.