जयपुर. दिल्ली में कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद जयपुर में फायर एनओसी और बिल्डिंग बायलॉज की पालना किए बिना संचालित दो कोचिंग सेंटर को सीज कर दिया गया. उसके बाद निगम प्रशासन इस तरह के सभी कोचिंग सेंटर्स पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है. वहीं, हाउसिंग बोर्ड ने भी अवैध रूप से संचालित कोचिंग सेंटर्स पर कार्रवाई करने के लिए सरकार को पत्र लिखा है.
हालांकि, निगम की कार्रवाई से खफा कोचिंग संचालकों ने अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से गुहार लगाई है. साथ ही कमी-खामियों को दूर करने के लिए समय मांगा है और कोचिंग हब में दरें कम करने की भी मांग की है. कोचिंग संचालकों ने मांग नहीं माने जाने पर आमरण अनशन की भी चेतावनी दी है.
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ऑल कोचिंग इंस्टिट्यूट महासंघ ने जयपुर में कोचिंग संचालकों को दिए जा रहे नोटिस और कार्रवाई को अवैध बताया है. महासंघ ने तंज कसते हुए कहा कि नगर निगम पहले अपने मुख्यालय स्थित बेसमेंट में चल रहे मलेरिया डिपार्टमेंट और आधार कार्ड के कार्य को रोके और अपनी एनओसी को दुरुस्त करें. उसके बाद कोचिंग जगत को पाठ पढ़ाए. उन्होंने जयपुर शहर को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाते हुए इस मामले में तुरंत प्रभाव से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से दखल देने की मांग की है.
साथ ही चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन अवैध तरीके से की जा रही सीज की कार्रवाई को जल्द नहीं रोकती है तो आमरण अनशन किया जाएगा. ऑल कोचिंग इंस्टिट्यूट महासंघ के अध्यक्ष रमेश शर्मा ने आरोप लगाया कि बिना नोटिस और बिना समय दिए व नोटिस में भी अग्रिम आदेश के रूप में संवैधानिक शब्दों का उपयोग करते हुए कोचिंग संचालकों को डराया धमकाया जा रहा है. इसका असर जयपुर में उच्च प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों पर पड़ रहा है.