लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में 10000 वकीलों के लिए राज्य सरकार चैंबरों का निर्माण कर रही है. संसदीय लोकतंत्र समन्वय और आपसी सूझबूझ से चलने का संदेश देता है. ऐसा समन्वय, जहां लोकहित व राष्ट्रहित सर्वोपरि हो. जब यह हमारी प्राथमिकता में होते हैं तो दोनों को एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता है. इसकी आधारशिला सुशासन से पड़ती है. सुशासन की आधारशिला रूल ऑफ लॉ से पड़ती है. रूल ऑफ लॉ समाज के हर व्यक्ति के लिए लक्ष्मण रेखा तय करती है.
ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को स्मृतिशेष 577 अधिवक्ताओं के आश्रितों को लोकभवन में अधिवक्ता कल्याण निधि से सहायता राशि प्रदान करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहीं. सीएम योगी ने कहा कि कल रक्षाबंधन का त्योहार है. इसकी पूर्व संध्या पर यह आयोजन बताता है कि त्योहार का आनंद इससे अच्छा नहीं हो सकता, जब हम किसी निराश्रित के साथ खड़े होकर उसकी सहायता के लिए तत्पर दिखाई देते हैं.
सीएम ने गिनाए अधिवक्ता हित में किए गए कार्य :सीएम योगी ने कहा कि कॉपर्स फंड की राशि 200 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दी गई है.आवश्यकता पड़ने पर इसमें वृद्धि भी करेंगे. इसके ब्याज से ही अधिवक्ताओं को कोई समस्या नहीं होगी. मृतक अधिवक्ता के आश्रित के लिए अधिवक्ता कल्याण निधि की राशि डेढ़ लाख से बढ़ाकर पांच लाख की गई. आयु भी 60 से बढ़ाकर 70 वर्ष की गई.
अब तक 134 करोड़ 32 लाख से अधिक धनराशि उपलब्ध कराई गई :सीएम योगी ने बताया कि 2017-18 से अब तक 2754 स्मृतिशेष अधिवक्ताओं के परिजनों को 134 करोड़, 32 लाख 50 हजार की राशि उपलब्ध कराई गई है. आज 577 अधिवक्ताओं के परिजनों को 28 करोड़ 31 लाख रुपये प्रदान किए जा रहे हैं. 12 ऐसे आश्रित हैं, जिन्हें 50 हजार रुपये व 565 आश्रितों को पांच-पांच लाख उपलब्ध कराया गया है.3758 युवा अधिवक्ताओं को तीन वर्ष तक पुस्तक-पत्रिका क्रय करने के लिए धनराशि उपलब्ध कराई गई है.