लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अंबेडकर विवाद को लेकर गृह मंत्री अमित शाह का बचाव किया. लखनऊ में प्रेस वार्ता करके उन्होंने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस कांग्रेस द्वारा बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के अपमान से सम्बन्धित है. डॉ. अम्बेडकर भारत माता के महान सपूत थे. वे वित्त, अर्थ और कानून व्यवस्था के महान विशेषज्ञ थे. अपने ज्ञान से भारत को आलोकित किया. हर भारतीय के मन में उनके प्रति सम्मान का भाव रहा.
भाजपा ने उनके लिए हमेशा सम्मान का भाव रखा. इंग्लैंड में और मुंबई में भी स्मारक बनाए हैं. पंच तीर्थ स्थापित किए हैं. NDA की सरकार जो काम कर रही है, वह भी डॉ. अंबेडकर की भावना से जुड़े हैं. शौचालय, पीएम आवास और अन्य योजनाएं बाबा साहब को समर्पित हैं. कांग्रेस ने दलितों और वंचितों को विभाजित करके उनके खिलाफ अन्याय किया.
कांग्रेस नहीं चाहती थी कि डॉ. अम्बेडकर को संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया जाए. कांग्रेस की सरकार के समय पुस्तकों में डॉ. अम्बेडकर को पंडित नेहरू द्वारा कोड़े मारते हुए दिखाया गया था. कांग्रेस नहीं चाहती थी कि बाबा साहब संसद में जाएं. बाबा साहब को हराने के लिए उनके सहयोगी नारायण काजोलकर को उनके खिलाफ लड़ाया. जिससे बाबा साहब हार गए. बाबा को भारत रत्न बीजेपी की समर्थित सरकार ने दिया.
बाबा साहब को इस्तीफे के बाद कांग्रेस की सरकार ने उनको सदन में बोलने नहीं दिया. बाबा साहब ने अपने इस्तीफे में कहा था कि कांग्रेस को दलितों की नहीं मुसलमानों की चिंता है. बाबा साहब और देश के वंचितों और दलितों के अपमान की कांग्रेसी परिपाटी पर सपा चल रही है. 2012 में सपा की सरकार ने कहा था कि दलित चेतना के स्मारकों को ध्वस्त कर देंगे. बाबा साहब के नाम पर बने संस्थानों का नाम बदल दिया.
गृह मंत्री अमित शाह के बयान को आधा अधूरा पेश करके शरारत की जा रही है. ये आज भी वही आचरण कर रहे हैं. हम लखनऊ में बाबा साहब के नाम पर राष्ट्रीय केंद्र बना रहे हैं. हर सरकारी कार्यालय में हम बाबा साहब की तस्वीर लगवा चुके हैं. एक दलित को राष्ट्रपति भी यूपी से बनाया गया है. इन लोगों ने बाबा साहब के लिए क्या कहा था.
सपा की सरकार में सुपर सीएम कहे जाने वाले नेता डॉ. अम्बेडकर के बारे में क्या कहा गया. मैं राहुल गांधी से पूछूंगा कि क्या संसद में धक्का-मुक्की होगी. बीजेपी के दो सांसद चोटिल हुए हैं. एक बुजुर्ग संसद और पूर्व मंत्री को चोट लगी है. इन सबको देश से माफी मांगनी होगी. देश की जनता इनको माफ नहीं करेगी. जनता इनको खारिज कर चुकी है. जनता आगे भी इनको खारिज करेगी.
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