आगरा: सीएम योगी सोमवार दोपहर आगरा पहुंचे. यहां सीएम योगी ने ताजगंज के पुराने चौराहे पर राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौड़ की प्रतिमा का अनावरण किया. सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता है. राष्ट्र तभी सशक्त होगा, जब हम एक रहेंगे, नेक रहेंगे, बंटेंगे तो कटेंगे. आप बांग्लादेश में देख रहे हैं ना, वो गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए.
बता दें कि सीएम योगी ने रविवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मथुरा में शुभारंभ किया और रात्रि में प्रवास किया. इसके बाद सोमवार सुबह श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर पूजा अर्चना के बाद करीब सवा ग्यारह बजे हेलीकॉप्टर से आगरा हवाई अड्डे पहुंचे. आगरा एयरपोर्ट से सीएम योगी ताजमहल के पश्चिमी गेट स्थित मेट्रो स्टेशन पहुंचे. जहां पर उन्होंने मेट्रो स्टेशन के सामने ही पुरानी मंडी चौराहा पर राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौड़ की प्रतिमा का अनावरण किया.
सीएम योगी ने संबोधन में सबसे पहले सभा में आए लोगों को श्रीकृष्ण जनमाष्टमी की बुधाई और शुभकानाएं दीं. कहा कि मेरी श्रीकृष्ण भगवान से प्रार्थना करता हूं कि, आपकी हर मनोकामना पूरी करें. सीएम योगी ने कहा कि, आप मप्र में जाएं, आप राजस्थान जाएं, राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौड़ की पूजा की जाती है. मारवाड़ में चले जाएं, यही भाव व्यक्त करने के लिए आज में आपके पास आया हूं. मेरा प्रयास था कि मैं 13 अगस्त को आगरा आऊं. मगर, नहीं आ पाया.
एक रहेंगे तो नेक रहेंगे, सुरक्षित रहेंगे:सीएम योगी ने कहा कि, पिछले दस वर्ष से यहां लगी राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौड़ की प्रतिमा मेरा ही इंतजार कर रही थी. उनकी कृपा तो मुझ पर आ गई. आज मथुरा में कन्हैया का जन्म हो रहा है और हम राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौड़ की भव्य प्रतिमा का लोकापर्ण कर रहे हैं. राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता है. राष्ट्र तब सशक्त होगा, जब हम एक रहेंगे, नेक रहेंगे, बंटेंगे तो कटेंगे. आप बांग्लादेश में देश रहे हो ना. वो गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए. बटेंगे तो कटेंगे. एक रहेंगे तो नेक रहेंगे. सुरक्षित रहेंगे. हमें विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए कार्य करना है.
काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव मना रहा देश:सीएम योगी ने कहा कि ये वो समय है, जब भारत में काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव शुरू हुआ है. हम सब जानते हैं कि, देश की आजादी के लिए नौ अगस्त 1925 में लखनऊ में पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खान, चंद्र शेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों ने काकोरी ट्रेन एक्शन की घटना को अंजाम दिया था. जिससे अंग्रेजी हुकूमत हिल गई थी. ट्रेन एक्शन में चार हजार छह सौ रुपये मिले थे. जबकि क्रांतिकारियों को सजा दिलाने में अंग्रेजी हुकूमत ने दस लाख रुपये खर्च किए. तब भी आजादी की लड़ाई कमजोर नहीं हुई है.
दुष्ट औरंगजेब का आगरा से संबंध: सीएम योगी ने कहा कि दुष्ट औरंगजेब का इस आगरा से संबंध था. इसी आगरा में हिंदवी पथ बादशाही के महानायक शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को चुनौती दी थी. राजस्थान में उस समय इस मोर्चा को महाराज जसवंत सिंह संभाल रहे थे. महाराजा जसवंत सिंह के दो महत्वपूर्ण सेनापति थे. उसमें ही राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौड एक थे. कई बार औरंगजेब ने जोधपुर की सत्ता प्राप्त करने का. मगर, ऐसा दुर्गादास राठौड़ ने ऐसा नहीं होने दिया.
उसने चाल चलकर महाराजा से संधि की. उनसे कहा कि, अफगानिस्तान को अफागनियों को कुचलने को भेज दिया. वहां पर उनकी हत्या कर दी. औरंगजेब ने महाराजा जसवंत सिंह के बेटे अजीत सिंह को मारने का साजिश भी रची. मगर, वीर दुर्गादास राठौड़ ने औरंगजेब से बचाकर रखा. अजीत सिंह के बालिग होने पर उनका जोधपुर में राज्याभिषेक किया.
उज्जैन में ली अंतिम सांस:सीएम योगी ने कहा कि, वीर दुर्गादास की ये लड़ाई केवल अपने स्वामी के लिए नहीं थी. बल्कि राष्ट्र के लिए थी. स्वाभिमान के लिए थी. अजीत सिंह जोधपुर के राजा बन गए. वहां के प्रधानमंत्री बनाने का अनुराध किया. वे प्रधानमंत्री नहीं बने. जीवन से संन्यास लेकर उज्जैन चले गए. जिस देश में राष्ट्रवीर दुर्गादास जैसे वीर पैदा होते हैं. उस देश का विदेशी आक्रांता कैसे बालबांका कर सकता है. ऐसे वीरों की वजह से भारत आजाद हुआ. उनके शौर्य और पराक्रम से हुआ.