मंडी: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जोगिन्द्रनगर विधानसभा क्षेत्र के अपने प्रवास के दूसरे दिन आज ऊहल परियोजना के तृतीय चरण का निरीक्षण किया. उन्होंने मौके पर ही इस परियोजना की सॉवरन गारंटी के रूप में 85 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि स्वीकृत करने के निर्देश दिए.
इस दौरान सीएम ने कहा कि, 'इस परियोजना को पूरा करने के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी. इससे पूर्व भी इस वर्ष मार्च, 2024 में 100 करोड़ रुपए परियोजना को प्रदान किए जा चुके हैं. पिछले कई सालों से इस परियोजना का कार्य चल रहा है और इस कारण इसकी लागत भी बढ़ी है. वर्तमान प्रदेश सरकार ने अब इस परियोजना के कार्यों को गति प्रदान की है. सभी प्रकार की तकनीकी और अन्य जांच करने के उपरांत दिसंबर अंत या जनवरी, 2025 तक इसमें विद्युत उत्पादन शुरू होने की संभावना है. परियोजना के निर्माण कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए थर्ड पार्टी क्वालिटी कंट्रोल के तहत टाटा पावर लिमिटेड को दायित्व सौंपा गया है.'
सीएम ने कहा कि, इस परियोजना में विद्युत उत्पादन शुरू होने से हिमाचल प्रदेश को अतिरिक्त आय प्राप्त होना आरंभ हो जाएगी. उन्होंने परियोजना प्रबन्धकों को इस परियोजना को समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए. विद्युत उत्पादन से ही हिमाचल प्रदेश समृद्ध बन सकता है और प्रदेश सरकार इसके दोहन के लिए ठोस कदम उठा रही है. हिमाचल को वर्ष 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से प्रदेश में पन विद्युत, सौर ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है.
सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि, 'प्रदेश सरकार अनुदान के रूप में विद्युत बोर्ड को लगभग 2200 करोड़ रुपए प्रदान कर रही है. वर्तमान प्रदेश सरकार का प्रयास बोर्ड को आत्मनिर्भर बनाने का है और इसके लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं. ऊर्जा उत्पादन से जुड़े विभिन्न कार्यों के लिए संबंधित अधिकारियों को शक्तियों के हस्तांतरण पर भी प्रदेश सरकार विचार कर रही है. इससे पूर्व ऊहल परियोजना के चरण-तीन के प्रबंध निदेशक देवेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को एक वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से परियोजना कार्य की विस्तृत जानकारी प्रदान की.'
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