शिमला:हिमाचल प्रदेश में धरती की गोद को हरा भरा रखने के लिए प्रदेश में इस साल नौ हजार हेक्टेयर भूमि में पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है. शिमला में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने आधिकारिक निवास ओक ओवर में बान का पौधा रोपकर 75वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सूखे और क्षतिग्रस्त पेड़ों के निस्तारण की मानक संचालन प्रक्रिया का भी शुभारंभ किया. जिसके तहत अब वन रक्षक स्तर पर दो पेड़ और डीएफओ स्तर पर 25 पेड़ काटने की अनुमति प्रदान की गई है.
वहीं, रैखिक परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री ने वन संरक्षण अधिनियम के प्रथम चरण की स्वीकृति के बाद परियोजना के दायरे में आने वाले पेड़ों को काटने के लिए वन विकास निगम के अधिकारियों के साथ-साथ वन विभाग के अधिकारियों को भी शक्तियां सौंपने की सीएम सुक्खू ने घोषणा की. इसके अलावा उन्होंने वन विभाग ई-फॉरेस्ट सॉफ्टवेयर की बीटा टेस्टिंग का भी शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य विभागीय कार्यों को सुव्यवस्थित करना तथा पारदर्शिता को बढ़ाना है.
महिला मंडल रोपेंगे फलदार पौधे, मिलेंगे पैसे:हिमाचल में जंगलों में फलदार पौधों का क्षेत्र बढ़ाया जाएगा. ताकि जंगली जानवरों को जंगलों में भोजन की व्यवस्था हो. जिससे जंगली जानवर किसानों की फसलों को कम नुकसान पहुंचाएंगे. इसके लिए अब प्रदेश भर में महिला मंडलों को फारेस्ट बीट का एक भाग फलदार पौधे रोपने के लिए दिया जाएगा. सीएम सुक्खू ने कहा कि फलदार पौधे रोपने और इन पौधों की देखरेख के लिए महिला मंडलों को पैसे दिए जाएंगे. जिससे महिलाओं को घर द्वार पर पैसे कमाने का अवसर मिलेगा. सीएम सुक्खू ने कहा कि वन क्षेत्र में फलदार पौधों के रोपण को 30 से बढ़ाकर 60 फीसदी किया जाएगा. जिसके आगामी दस वर्षों में सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है.