पटना:बिहार संग्रहालय और पटना संग्रहालय को जोड़ने की योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. पिछले साल ही सरकार ने कैबिनेट में 500 करोड़ की राशि इसके निर्माण के लिए स्वीकृति दी थी. डेढ़ किलोमीटर लंबे सुरंग का निर्माण होगा. टनल निर्माण के बाद दोनों संग्रहालय का दर्शक आसानी से एक बार में ही देख सकेंगे.
टनल निर्माण कार्य का निरीक्षण: पटना संग्रहालय और बिहार संग्रहालय बैटरी चालित गाड़ी के माध्यम से दर्शकों को घुमाया जाएगा. टनल का जो निर्माण हो रहा है, उसे विरासत सुरंग का नाम दिया गया है. अभी बिहार संग्रहालय के पास सॉफ्ट तैयार किया जा रहा है, जिसमें टनल बोरिंग मशीन को डाला जाएगा. बेली रोड स्थित बिहार संग्रहालय के निर्माण में सरकार ने 600 करोड़ से भी अधिक की राशि खर्च की है.
मेट्रो परियोजना का भी लेंगे जायजा: मुख्यमंत्री आज पटना मेट्रो परियोजना के निर्माण कार्यों का भी आज जायजा ले सकते हैं. पटना मेट्रो का बड़े हिस्से में 2026 में परिचालक शुरू हो सकता है, उसकी तैयारी जोर-जोर से चल रही है. अभी पटना मेट्रो के दो कॉरिडोर पर काम चल रहा है. पहला कॉरिडोर दानापुर से खेमानी चक्र है. इसकी लंबाई 18 किलोमीटर है, इसमें 14 मेट्रो स्टेशन बनाए जा रहे हैं. इसमें से आठ एलिवेटेड और 6 अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन होंगे, जबकि दूसरा कॉरिडोर पटना जंक्शन से पाटलिपुत्र बस टर्मिनल तक का है. इसकी लंबाई 14 किलोमीटर होगी. इसमें 7 अंडरग्राउंड और पांच एलिवेटेड स्टेशन सहित पुल 12 स्टेशन होंगे.
2026 में एक हिस्से में होगा शुरू: फिलहाल प्राथमिक कॉरिडोर को अप्रैल 2026 में शुरू करने की तैयारी चल रही है, जिसमें पाटलिपुत्र बस टर्मिनल से शुरू होकर मलाही पकरी स्टेशन के बीच कुल पांच स्टेशन का निर्माण तेजी से चल रहा है, जो सभी एलिवेटेड है. 6.5 किलोमीटर इसकी लंबाई है, इसमें 70 फीसदी तक कार्य पूरा हो गया है. जल्द ही सिग्नल और ट्रैक बिछाने का काम भी शुरू हो जाएगा. ऐसे 2027 तक कॉरिडोर दो के शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है.