पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले तीन दशक से भी बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं. 2005 से बिहार के मुख्यमंत्री हैं, कुछ महीने छोड़ दें तो लगातार मुख्यमंत्री हैं. मुख्यमंत्री के उत्तराधिकारी को लेकर हमेशा चर्चा होती रहती है. पार्टी में दो नंबर की कुर्सी जिसे भी दिया जाता है उत्तराधिकारी उसे बनाने की बात कही जाती रही है. लेकिन पार्टी में जो भी दो नंबर की कुर्सी पर बैठा है, उसे जदयू छोड़ना पड़ा है. बहरहाल, अब नीतीश कुमार के बेटे निशांत को लेकर भी चर्चा है.
नीतीश के बेटे की राजनीति में एंट्री होगी? : पार्टी के कई नेता बयान दे रहे हैं कि निशांत में नीतीश कुमार जैसी क्षमता है. निशांत भी इंजीनियर हैं, इसलिए उनको जदयू की कमान संभालनी चाहिए. हालांकि नीतीश कुमार के नजदीकी और जदयू के वरिष्ठ नेता निशांत के राजनीति में एंट्री की बात को बेबुनियाद बता रहे हैं. इसके उलट बिहार की राजनीति में कई बड़े नेताओं के बेटे सक्रिय हैं.
बिहार की राजनीति और परिवारवाद : लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव, बेटी मीसा भारती, रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान, जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी, जगदानंद सिंह, शिवानंद तिवारी, जगन्नाथ मिश्रा जैसे दिग्गज नेताओं के बेटे भी सक्रिय हैं. कुछ तो विरासत को संभाल रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार राजनीति से दूरी बनाकर रखे हुए हैं. निशांत लगातार कहते रहे हैं की राजनीति में नहीं आएंगे, लेकिन जदयू के उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा होती रहती है.
निशांत की जेडीयू में होगी एंट्री? : इस बार नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को लेकर भी चर्चा हो रही है कि राजनीति में आ सकते हैं. जदयू के कई नेताओं का बयान आया है कि पार्टी में कार्य करता चाहते हैं तो निशांत फ्रंट पर आएं. जदयू के नेता और खाद्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष विद्यानंद विकल का कहना है जदयू के कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि निशांत कुमार जैसा युवा नेतृत्व राजनीति में आए और फ्रंट पर खेलें.