कुरुक्षेत्र: हरियाणा के एकमात्र शक्तिपीठ मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र में महागौरवशाली "मां" शब्द के 51 फीट विराट और अद्भुत स्वरूप (महा गौरवशाली स्थल) का भूमि पूजन हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किया है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि शक्तिपीठ मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र में "मां" शब्द के 51 फीट का स्वरूप यहां बनाया जाएगा जिसकी मैं सभी को बधाई देता हूं.
सीएम ने कहा कि "मां शब्द प्रेम और ममता का प्रतीक है, जो आकारहीन होता है. उन्होंने कहा कि मां की पूर्ति नहीं हो सकती और वो माताएं धन्य है जिन्होंने हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी जैसे योद्धाओं को जन्म दिया है."
यहां पूजा कर पांडव महाभारत युद्ध में हुए थे विजयीःमुख्यमंत्री ने कहा कि मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र से मैं बहुत पहले से जुड़ा हूं. हर साल मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं और यहां पर पूजा अर्चना करते हैं. हरियाणा ही नहीं पूरे देश की आस्था मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र से जुड़ी हुई है. इस मंदिर में खुद पांडवों ने पूजा की थी और महाभारत के युद्ध पर विजय हासिल की थी.
"मां" कोई शब्द नहीं वो तो एक भाव हैःमन्दिर पीठाधीश्वर सतपाल शर्मा ने कहा कि सृष्टि के प्रारंभ में आदि शक्ति प्रकट हुई थी. ये महाशक्ति भगवती के रूप में विद्यमान है. "मां" कोई शब्द नहीं वो तो एक भाव है. कार्यक्रम को कई प्रमुख लोगों ने संबोधित किया. मौके पर पूर्व मंत्री सुभाष सुधा, पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर सहित गणमान्य लोगों के साथ-साथ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे.
प्रोजेक्ट में भव्य "मां" संरचना डिजाइनः मन्दिर पीठाधीश्वर सतपाल शर्मा ने बताया कि इस संरचना में सबसे ऊपर पूर्ण चंद्र बिंदु को इस तरीके से बनाया गया है कि वो देखने में एक प्रज्ज्वलित दीपक के समान लगता है. साथ ही मां शक्ति के तीसरे नेत्र को भी ये दर्शाता है. चंद्र बिंदु में जो तल होता है, वो माता की दो आंखों को दर्शाता हुआ भी दिखाई पड़ता है. इस अक्षर के ऊपर की लाइन को शक्ति के प्रतीक त्रिशूल के रूप में दिखाया गया है. संरचना में त्रिशूल का उद्देश्य माताओं को सुदृढ़, मजबूत और अपने बच्चों के लिए नैसर्गिक रक्षा भाव में रखने से है.