रांची/साहिबगंज: 28 जून को जेल से बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पहला सरकारी कार्यक्रम राजमहल में आयोजित हुआ लेकिन उनका बॉडी लैंग्वेज बदला बदला सा नजर आया. संबोधन नपा तुला था. कल्याणकारी योजनाओं के उद्घाटन, शिलान्यास और परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम के दौरान कोई आरोप प्रत्यारोप नहीं सुनने को मिला. उन्होंने पीएम मोदी से आग्रह किया कि गंगा विलास क्रूज योजना निरंतर चले तो अच्छा रहेगा. साथ ही साहिबगंज में बने अंतरराष्ट्रीय बस टर्मिनल में पसरे सन्नाटे की ओर ध्यान खींचा. बंदरगाह के कुशल संचालन की भी बात की.
दूसरा कार्यक्रम बरहेट ग्रिड सब-स्टेशन और द्विपथ लिलो संचरण लाइन के उद्घाटन से जुड़ा था. यहां उन्होंने संथाली भाषा में अपनी बातें कही. विपक्ष पर हमले के तौर पर सीएम ने सिर्फ इतना कहा कि विपक्षी हमेशा काम में बाधा डालते रहे हैं. जेल में भी डाल दिया. इनका एक ही काम है हिन्दू-मुस्लिम करना. ऐसा करते-करते लोकसभा चुनाव में इनके दो-चार दांत झड़ गये. विस चुनाव में यही जारी रहा तो झंडा ढोने वाले भी नहीं मिलेंगे. उन्होंने कहा कि अब बहुत हद तक बिजली की समस्या से निजात मिलेगी. 200 यूनिट बिजली फ्री हो गई है. मानिकचक पुल का भी शिलान्यास होगा.
सीएम हेमंत ने कहा कि इस जिला की बदौलत कई लोग अरबपति बन गये और यहां के लोग समस्याओं से ग्रसित होते चले गये. उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि पूर्व के 14 माह के कार्यकाल के दौरान मेगा लिफ्ट वाटर सप्लाई स्कीम का शिलान्यास किया था. कुछ दिन चला, फिर बंद हो गया. अब जानकारी ले रहा हूं कि बंद क्यों पड़ा है. अभी तक स्पष्ट जवाब नहीं है. गंगा से हो रहे कटाव की भी बात की. कहा कि कई क्षेत्रों में बोल्डर भी डलवाए थे. उन्होंने अधिकारियों को कटाक्ष करते हुए कहा कि मेरे आने की वजह से सड़कों पर बने बड़े बड़े गड्ढे भर दिए गए हैं.