रांची:झारखंड के चुनावी रण में अब दलित-आदिवासी अफसरों को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. सीएम हेमंत सोरेन ने खुद इसकी कमान संभाल ली है. सीएम हेमंत सोरेन ने जहां इसे लेकर भाजपा को दलित और आदिवासी विरोधी करार दिया है. वहीं सीएम को गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने जवाब दिया है. पूरा मामला देवघर एसपी से जुड़ा हुआ है.
दरअसल, सीएम हेमंत सोरेन ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है कि पहले दलित अफसर को हटाया गया. उन्हें परेशान किया गया. अब आदिवासी आईपीएस अफसर को लगातार परेशान किया जा रहा है. आखिर क्यों दलितों/आदिवासियों से भाजपा को इतनी परेशानी है?
सीएम के इस पोस्ट का जवाब भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने दिया है. उन्होंने सीएम के पोस्ट को टैग करते हुए लिखा है कि "अजय कुमार सिंह दलित डीजीपी को हटाकर अनुराग गुप्ता को अमित अग्रवाल के कहने पर बनाया, मंजूनाथ को हटाकर वरूण रंजन, अमित दास रेणु को हटाकर मिश्रा जी, डूब मरिए. अधिकारी भी दलित होता है पहली बार सुना. घबराहट कभी हुई कि आदिवासी कैसे घट गए? बांग्लादेशी घुसपैठिया कैसे बढ़ गये? राम नाम...... "
क्या है मामला?
दरअसल, एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग ने देवघर के एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को हटाने का निर्देश दिया है. उनकी जगह तीन आईपीएस अधिकारियों का नाम मांगा गया है. इनमें से एक को देवघर एसपी के पद पर पदस्थापित किया जाएगा. दरअसल, मई माह में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने एसपी अजीत पीटर के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की थी.